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राज्य नेतृत्व महागठबंधन में बने रहने के खिलाफ है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- कांग्रेस (Congress) की असम इकाई ने मंगलवार को यह बताने से इनकार कर दिया कि वह राज्य में आगामी विधानसभा उपचुनावों के लिए दूसरे दलों के साथ गठबंधन करेगी या नहीं. हालांकि इसने कहा कि राज्य नेतृत्व महागठबंधन में बने रहने के खिलाफ है. इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने महागठबंधन का नेतृत्व किया था.
विधायकों के निधन और इस्तीफे के कारण विधानसभा की पांच सीटें खाली हैं, वहीं केंद्रीय मंत्री बनने वाले एक विधायक ने अभी तक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है.
बोरा ने इस साल विधानसभा चुनाव में हारे उम्मीदवारों के साथ बैठक से पहले संवाददाताओं से कहा, ''राजनीति में साथ काम करने को लेकर कुछ भी मुकम्मल नहीं होता है. हम यह नहीं कह सकते हैं कि राजनीति में दोस्ती या गठबंधन के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं.''
यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस उपचुनावों के लिए कोई गठबंधन करेगी तो उन्होंने कहा, ''फिलहाल हां या ना नहीं कह सकते हैं. वर्तमान में हम उन सीटों पर अपनी पार्टी का आधार मजबूत करने पर ध्यान दे रहे हैं जहां उपचुनाव होने वाले हैं.''
कांग्रेस के दो और एआईयूडीएफ के एक विधायक विधानसभा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए. यूनाईटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के एक-एक विधायक का निधन हो गया. छठी सीट तब खाली होने की संभावना है जब पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल इस्तीफा देंगे, क्योंकि वह केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गए हैं.
AIUDF के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने क्या कहा?
इससे पहले ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने सोमवार विधायकों के इस्तीफे को लेकर कहा कि कांग्रेस ने भले ही पार्टी से नाता तोड़ लिया हो, लेकिन उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि इस फैसले से दोनों पार्टियों को फायदा होगा. AIUDF प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी उपचुनावों में एक या दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिसकी तारीखों की घोषणा की जानी बाकी है.
अजमल ने कहा, "बड़े भाई (कांग्रेस) जो भी फैसला लेते हैं, हम उससे सहमत हैं. हमने स्वीकार किया है कि गठबंधन अब नहीं है लेकिन वे अपने फैसले की घोषणा करने से पहले कम से कम एक बार हमारे साथ इस मामले पर चर्चा कर सकते थे." मालूम हो कि 30 अगस्त को अपनी कोर कमेटी की बैठक में, राज्य कांग्रेस ने एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन तोड़ने का फैसला किया, "एआईयूडीएफ नेतृत्व और वरिष्ठ सदस्यों द्वारा बीजेपी और मुख्यमंत्री की निरंतर और रहस्यमय प्रशंसा ने कांग्रेस पार्टी की जनता की धारणा को प्रभावित किया है". एआईयूडीएफ कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा था, जिसने इस साल की शुरुआत में असम में हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए में BJP की अगुवाई वाली लड़ाई लड़ी थी. एक सवाल के जवाब में अजमल ने कहा कि कांग्रेस के फैसले से पार्टी को ठगा हुआ महसूस नहीं हुआ.
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