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यूपी के स्वास्थ्य मंत्री से किया सवाल तो बोले, झूठ बोलने की क्या जरूरत, चैनल पर मुकदमा तो नहीं चल रहा

Apurva Srivastav
28 April 2021 6:20 PM GMT
यूपी के स्वास्थ्य मंत्री से किया सवाल तो बोले, झूठ बोलने की क्या जरूरत, चैनल पर मुकदमा तो नहीं चल रहा
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यूपी के स्वास्थ्य मंत्री से सवाल किया तो उनका कहना था कि झूठ बोलने की क्या जरूरत

आज तक के डिबेट शो में एंकर ने बीजेपी सांसद के आरोपों पर यूपी के स्वास्थ्य मंत्री से सवाल किया तो उनका कहना था कि झूठ बोलने की क्या जरूरत, चैनल पर मुकदमा नहीं चल रहा। दरअसल, उनसे सवाल किया गया था कि सांसद और सरकार में कौन झूठ बोल रहा है। लेकिन मंत्री ने जिस तरह से जवाब दिया उससे सभी हतप्रभ थे। एंकर ने पलटवार करते हुए मंत्री से कहा कि लोगों को भगवान भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। सरकार को ही लोगों के लिए इंतजाम करने होंगे। स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह का कहना था कि कोविड-19 वैश्विक बीमारी है। इसके बारे में किसी को पता नहीं था। अचानक से आईन बीमारी ने पूरे विश्व में हाहाकार मचा रखा है। इससे भारत भी अछूता नहीं रहा। उनका दावा है कि योगी सरकार पूरी तन्मयता से लोगों की सेवा में लगी है। अस्पतालों में जरूरी इंतजाम लगातार हो रहे हैं।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज से भारतीय जनता पार्टी के सांसद कौशल किशोर ने केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज के इंतजामों पर सवाल खड़े किए हैं। अव्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है। सांसद का कहना है कि दोनों ही अस्पतालों में बेड खाली हैं। ऑक्सीजन की व्यवस्था भी है। इसके बावजूद मरीजों की भर्ती में आनाकानी की जा रही है।डिबेट में मंत्री से इसी बात को लेकर सवाल किया गया था। हालांकि, मंत्री ने कहा कि सरकार लोगों की सेहत को लेकर पूरी तरह से संजीदा है। कांग्रेस प्रवक्ता चरण सिंह सापरा के सवालों का जवाब भी मंत्री ने दिया लेकिन अनमने तरीके से। ध्यान रहे कि बीजेपी के नेता लगातार इस तरह के बयान दे रहे हैं जैसे लोगों की कोई बिसात ही नहीं है।

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का भी एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वो कह रहे थे कि चीख मारने से मरे हुए लोग तो जिंदा नहीं हो जाएंगे। कई अन्य नेता भी विवादित बात कह चुके हैं। इसके अलावा उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत भी बेतुके बोल कह चुते हैं। ताजा मामले में कर्नाटक के मंत्री ने एक किसान से कहा कि बेहतर है वो मर जाए। किसान उनसे अनाज मांग रहा था।








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