बेगूसराय। जिनके ऊपर शराबबंदी कानून को सख्ती से पालन करवाने की जिम्मेवारी हो अगर वही शराब के नशे में दंगा-फसाद करते नजर आ रहे हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि इस मामले में दरोगा और पुलिसकर्मी ही नीतीश सरकार की फजीहत करवाने में जुटे हुए हैं. ऐसा ही एक मामला बेगूसराय से प्रकाश में आया है. यहां लोहिया नगर थाना परिसर में बीती रात एएसआई राम लखन राम ने शराब के नशे में जमकर उत्पात मचाया. बाद में वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर आरोपी राम लखन राम को किसी तरह हिरासत में लिया गया और जब उनका मेडिकल करवाया गया तो शराब पीने की पुष्टि भी हुई.
हालांकि उक्त मामले में आरोपी राम लखन राम का कहना है कि एक साजिश के तहत उन्हें फंसाया जा रहा है. आरोपी राम लखन राम ने थाना प्रभारी नीरज कुमार पर आरोप लगाया कि जिस वक्त वह सिरिस्ता में बैठकर एक केस की डायरी लिख रहे थे, उसी क्रम में किसी अन्य मामलों के एक आरोपी को पुलिस थाने लाई और सिरिस्ता भवन के अंदर ही पुलिस द्वारा उसकी पिटाई की जाने लगी. इस बात का राम लखन राम ने विरोध किया और अरोपी को सिरिस्ता रूम से बाहर निकालने के लिए कहा. राम लखन राम ने आरोप लगाया है कि इतना सुनते ही थानाध्यक्ष नीरज कुमार नाराज गए और जातिसूचक गालियां देनी शुरू कर दीं. जब राम लखन राम ने उन्हें गाली देने से मना किया तो थाना अध्यक्ष नीरज कुमार ने उनकी पिटाई कर दी, जिससे वे घायल हो गए.
वजह चाहे जो भी हो, लेकिन जिस तरह से पुलिसकर्मी और थाना परिसर में शराब के मामले सामने आ रहे हैं, उससे लगता है कि जिन कंधों पर शराबबंदी का जिम्मा है, वही कंधे शराबबंदी की अर्थी उठाए घूम रहे हैं. अब देखने वाली बात होगी की वरीय पदाधिकारी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं.