उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election) के पहले ही असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की एंट्री ने यहां चुनावी माहौल गर्माना शुरू कर दिया है. शनिवार को प्रयागराज पहुंचकर असदुद्दीन ओवैसी ने जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान ओवैसी ने अतीक अहमद को पार्टी में शामिल करने पर कहा कि वह कानून की नजर में चुनाव लड़ सकते हैं. आने वाले विधानसभा चुनाव में अतीक अहमद आपके वोट से जरूर जीतेंगे. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपियों पर दर्ज मुकदमे बीजेपी सरकार ने वापस ले लिए हैं, लेकिन इस पर मीडिया में कोई चर्चा नहीं हुई.
ओवैसी ने नाथूराम गोडसे को आजाद भारत का पहला दहशतगर्द बताया. भारत की सियासत की ये तल्ख हकीकत है. उन्होंने कहा कि जिस समाज का नेता होगा उसके मसले हल किए जाते हैं. ओवैसी इसीलिए आया है कि हमको अपना हिस्सा लेना है. आपको अपना हक कब मिलेगा. ओवैसी ने कहा कि जिस तरह से यादव ने अखिलेश को अपना नेता माना, जिस तरह से जाटवों ने मायावती को अपना नेता माना, जिस तरह से ठाकुर योगी आदित्यनाथ को अपना नेता मानते हैं, जिस तरह कुर्मी अनुप्रिया पटेल को अपना नेता मानते हैं, जिस तरह से ब्राह्मण और अन्य समाज के लोग मोदी को अपना नेता मानते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में मुस्लिम अखलियत की कोई आवाज ही नहीं है. उन्होंने कहा कि याद रखो कोई आसमान और जमीन से निकलकर नहीं आएगा. आपको खुद अपने हालात तब्दील करने होंगे. अगर आप एक करवट लेंगे तो मुझे यकीन है उत्तर प्रदेश में इंकलाब होगा. मैं वादा करता हूं अल्लाह जब तक मुझे जिंदा रखेगा, उत्तर प्रदेश में एक इंकलाब पैदा होगा. अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की आंसुओं का वास्ता देते हुए ओवैसी ने कहा कि मेरी मां और बहनों की आंख से आंसू निकलना कम हो जाए मैं यही चाहता हूं. उन्होंने कहा कि न मोदी से डरना है, न योगी से डरना है, न अखिलेश से डरना है और न कांग्रेस से डरना है. मैं यही पैगाम देने आया हूं. मौलाना कलीम सिद्दीक़ी को लेकर ओवैसी ने कहा कि इस मामले में अखिलेश यादव नहीं बोले, क्योंकि फिर उन्हें हिंदू वोट नहीं मिलेगा.