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गर्मी बढ़ते ही भगवान को ठंडाई का चढ़ावा, कूलर-एसी के भी इंतजाम किए गए

Nilmani Pal
29 May 2024 1:33 AM GMT
गर्मी बढ़ते ही भगवान को ठंडाई का चढ़ावा, कूलर-एसी के भी इंतजाम किए गए
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जयपुर। राजस्थान में गर्मी के चलते लोगों के हाल बेहाल हो रहे हैं. तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. भीषण गर्मी से भगवान को भी पसीना छूटने लगा है. ऐसे में चिचिलाती गर्मी से भगवान को बचाने के लिए अलवर के मंदिरों में कूलर और एसी लगाए गए हैं. इसके साथ ही भगवान की डाइट में भी बदलाव किया गया है.

अब भगवान को सुबह के समय रबड़ी और छाछ का भोग लगाया जा रहा है. रात के समय दूध के भोग में ठंडाई और सौंफ मिलाई जाती है. अलवर का तापमान 47 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो चुका है. भीषण गर्मी से बचने के लिए लोग तरल पदार्थ का सेवन कर रहे हैं. दिन के समय काम करने की जगह आराम करते हैं. घरों में लोग कूलर और एसी के आगे बैठे रहते हैं. ऐसी भीषण गर्मी से अब भगवान को भी पसीना छूटने लगा है. अलवर के त्रिपोलिया महादेव मंदिर, वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर, जगन्नाथ मंदिर और लक्ष्मी नारायण मंदिर में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए कूलर और एसी लगाए गए हैं. भगवान के साथ ही मंदिरों में आने वाले भक्तों के लिए भी कूलर की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही भगवान का डाइट प्लान भी बदलाव दिया गया है. अब भगवान को गर्मी के हिसाब से खाद्य पदार्थ के भोग लगाए जा रहे हैं. सुबह के समय रबड़ी, छाछ, सत्तू की ठंडाई का भोग लगता है. दिन के समय ककड़ी, खीरे, आम, तरबूज, खरबूजा सहित मौसमी फलों व सब्जियों का भोग लगाया जाता है. वहीं, रात को ठंडाई का भोग लगाया जाता है.

वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर के पुजारी ने कहा कि मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति में प्राण आ जाते हैं. जिस तरह से बच्चों को मां संभल कर रखती है. सर्दी में गर्म कपड़े पहनती है और गर्मी के मौसम में गर्मी से बचकर रखती है. उसके खाने-पीने का ध्यान रखती है. इस तरह से भगवान का भी ध्यान रखा जाता है. मौसम के अनुसार, भगवान को खाद्य सामग्री का भोग लगाया जाता है.


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