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जैसे को तैसा मिलेगा जवाब, भारतीय सेना के लिए तैयार हुए वज्र-त्रिशूल-भद्र-दंड-सैपर पंच, खासियत जानें
jantaserishta.com
18 Oct 2021 5:13 AM GMT
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नई दिल्ली: साल 2020 में लद्दाख में गलवान की खूनी भिड़ंत में चीनी सैनिकों ने भारतीय सेना के ख़िलाफ़ कांटेदार तार लगे डंडो और पत्थरों का इस्तेमाल किया था. चीन की सेना पैंगोंग झील के पास भारतीय सैनिकों का सामना करने के लिए हाथों में लाठी, डंडे, कांटेदार तार और पत्थर लेकर आई थी.
इसके साथ ही चीनी सैनिक बेस बॉल के बैट पर कांटेदार तार लगाकर लाए थे. बिना गोलीबारी के हुई इस हिंसक झड़प में हमारे सैनिकों ने भी डटकर सामना किया और चीनी सैनिकों को नुकसान पहुंचाया. बीते साल जून में भारतीय सेना और चीनी सेना की भिड़ंत में हमारे 20 जवान शहीद हो गए थे.
अब ऐसे में भारतीय सुरक्षा बल चीनी सेना को जैसे को तैसा जैसा जवाब देने के लिए तैयार हैं. अब हम आपको दिखाते हैं चीनी सेना से मुक़ाबले के लिए सुरक्षा बलों के नए हथियार. मेक इन इंडिया के ज़रिए नोएडा स्थित Apasteron Company को सुरक्षा बलों से इन हथियारों को बनाने का काम मिला है.
ऐसे में चीन जैसे शातिर दुश्मन को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों को ग़ैर पारम्परिक हथियारों से लैस किया जा रहा है.
वज्र- वज्र एक मेटल की लाठी है, जिसमें दुश्मन को ज़ोर का झटका देने के लिए करंट है. सामने आने वाले किसी भी दुश्मन को ये कुछ देर के लिए बेहोश कर सकती है.
त्रिशूल- त्रिशूल को भगवान महादेव शिव का हथियार माना जाता है. त्रिशूल एक बेहद ही खतरनाक हथियार माना जाता है. त्रिशूल की नोक इस कदर पैनी होती है कि इंसान के शरीर से पलभर में आर-पार हो जाती है. इसको चलाने के लिए भी विशेष प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है. अगर इस त्रिशूल में करंट बहने लगे तो ये और भी घातक हो जाता है.
सैपर पंच- सैपर पंच यानि बिजली वाला ग्लव्स. ये दुश्मन पर पंच मारने में काम आता है. ये क़रीब 8 घंटे तक बिजली से चार्ज रह सकता है. यह वाटरप्रूफ़ या शून्य से 30 के तापमान में काम कर सकता है.
दंड- दंड यानी बिजली से चलने वाला डंडा. ये 8 घंटे तक बिजली से चार्ज रह सकता है. ये वाटरप्रूफ़ भी है. इस बिजली वाले डंडे की मार जिस पर पड़ेगी वो फिर मुड़कर नहीं आएगा.
भद्र- भद्र एक ख़ास तरह की ढाल है, जो जवान को पत्थर के हमले से बचाती है. इसमें बहने वाला करंट दुश्मन को ज़ोर का झटका धीरे से देता है.
चीनी सेना के जवान लाठी-भाले, डंडा और रॉड के जरिए युद्ध करने में माहिर होते हैं. ऐसे ही सैनिकों के भरोसे चीन अब भारत से युद्ध करने की तैयारी कर रहा है. तिब्बत के पठार इलाके में रहने वाले ये लड़ाके चीनी सेना को नुकीली चीज या लाठी, डंडों से लड़ने की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं.
छद्म युद्ध में माहिर चीन अब इन तिब्बती लड़ाकों के जरिए सीमा विवाद को बढ़ाने के फिराक में है. ऐसे में भारतीय सुरक्षा बल भी चीनी सेना को जोर झटका धीरे से देने की तैयारी में हैं.
'Vajra', a metal road taser with spikes can be used for both tasing & in hand to hand combat as well as to puncture bullet proof vehicles. The 'Trishul' can be used for tasing as well as blocking vehicles of enemy: Mohit Kumar, Chief Technology Officer, Apastron Pvt Ltd pic.twitter.com/eH5cZKmLzZ
— ANI (@ANI) October 18, 2021
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