x
सीकर। गर्मी का मौसम शुरू होते ही शहर में पेयजल की किल्लत बढ़ने लगी है। पेयजलापूर्ति व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. लोगों की समस्याएं जानने के लिए टीम अधिक कमी वाले वार्डों, मोहल्लों और कॉलोनियों में पहुंची। अधिकांश वार्डों व कॉलोनियों में सुबह व शाम दो शिफ्ट में होने वाली जलापूर्ति एक ही शिफ्ट में हो रही है. कई इलाकों में सिर्फ 10 से 15 मिनट ही पानी मिल रहा है. शहर के 30 हजार से अधिक लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. कई लोग टैंकरों का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं. दो हजार लीटर के टैंकर के लिए 400 रुपये। वहीं पांच हजार लीटर के टैंकर के लिए 700 रुपये. तक का भुगतान करना होगा.
सबसे अधिक समस्या शहर के वार्ड संख्या दो, तीन, चार, पांच, छह, सात, आठ, 12 व वार्ड 46 में है. इनके साथ ही फतेहपुर रोड, नवलगढ़ रोड व पिपराली रोड, जगमालपुरा रोड, जगदंबा कॉलोनी सहित अन्य इलाकों में पेयजल की कमी है। वार्ड 46 के गोविंद सुईवाल ने बताया कि गहलोत मोटर्स, मंडी, सैनी नगर व आसपास के क्षेत्र में तीन माह से पेयजल की कमी है। कलेक्टर, जलदाय विभाग व नगर परिषद को सूचना दी गई। प्रदर्शन भी किया लेकिन समस्या अभी भी बनी हुई है। वार्ड 5 से सटे रैगरान कुआं, खटीकान मोहल्ला, चौहान चौक क्षेत्र के लोगों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
{वार्ड 4 के पार्षद छोटेलाल का कहना है कि फतेहपुर रोड, हरिजन बस्ती, कमेला क्षेत्र की एक दर्जन से अधिक कॉलोनियों के करीब 600 परिवारों के आठ हजार लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। जलदाय विभाग को सूचना देने के बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ। वार्ड में एक सार्वजनिक ट्यूबवेल भी है. जो क्षतिग्रस्त हो गया है. {वार्ड 6 के पार्षद मोहम्मद उमेद के अनुसार दीन मोहम्मद रोड से मोहल्ला वाहिदपुरा, बकरा मंडी आदि इलाकों में एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई की जा रही है। तीन हजार की आबादी पर पेयजल का गहरा संकट है. क्षेत्र में कोई ट्यूबवेल नहीं है।
नतीजा यह है कि लोगों को टैंकरों का सहारा लेना पड़ रहा है। वार्ड 7 की पार्षद लक्ष्मी देवी ने बताया कि मोहल्ला नायकान, कोर्ट कैंपस, हरियंत अस्पताल, नागेश्वरी गार्डन, पाबूजी मंदिर क्षेत्र में दिन में दो बार मिलने वाली सप्लाई अब सुबह एक बार मात्र 10 मिनट के लिए दी जा रही है। क्षेत्र की 12 हजार से अधिक आबादी पेयजल समस्या से जूझ रही है. तीन साल से जलदाय विभाग को शिकायत कर रहे हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. {वार्ड 8 के नवीन अग्रवाल के अनुसार अरावली स्कूल, कुम्हारों का मौहल्ला, प्रेमसुख कॉलोनी, धोबियों का मौहल्ला में भी दिन में दो बार दी जाने वाली सप्लाई एक बार ही दी जा रही है।
क्षेत्र की सात हजार की आबादी पेयजल समस्या से जूझ रही है। वार्ड के लोगों को 15 से 20 टैंकर सड़क पर उतारने पड़ते हैं. {वार्ड 12 की पार्षद नीटू बगड़िया ने बताया कि बकरा मंडी और बालाजी मंदिर के पास गुवाड़ क्षेत्र के 200 घरों की करीब 1000 की आबादी को दो माह से जलापूर्ति नहीं हो रही है। जलदाय विभाग को समस्या बताई। मोहल्ले में लगे ट्यूबवेल से भी गंदा पानी आ रहा है। सप्लाई न मिलने से लोग परेशान हैं। {वार्ड 58 के पार्षद मनीष कुमार ने बताया कि जीवन कॉलेज क्षेत्र, जगमालपुरा गेट क्षेत्र में टंकी से जलापूर्ति की व्यवस्था है। लेकिन 250 घरों की करीब 1200 आबादी को आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। ट्यूबवेल स्वीकृत हो चुका है लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। भूजल में कमी के कारण प्रतिदिन 7 एमएलडी पानी कम हो गया है, इसलिए समस्या बढ़ गयी है. जलदाय विभाग के अनुसार सीकर शहर में तीन लाख की आबादी के लिए प्रतिदिन 40 एमएलडी पानी की जरूरत है। जबकि भूजल में कमी के कारण प्रतिदिन 7 एमएलडी पानी का उत्पादन कम हो गया है।
Next Story