उदयपुर सेंट्रल जेल के कैदी नंबर 259 ने अपनी कलाकारी से सभी को हैरान कर दिया है. जेल की दीवारें किसी म्यूजियम से कम नजर नहीं आ रही हैं. जेल की दीवारों पर बनाई गईं सैकड़ों पेंटिग्स एनडीपीएस एक्ट के मामले में 12 साल की सजा काट रहे कैदी साधुराम की देन हैं. साधुराम के पेंटिंग के शौक ने जेल के अन्य 15 कैदियों को भी प्रभावित किया, जिसके बाद इन सभी कैदियों ने मिलकर जेल की दीवारों को आकर्षक पेंटिंग्स से सजाया है. उदयपुर की सेंट्रल जेल में वर्तमान में 1200 से ज्यादा कैदी हैं. इन कैदियों में कुछ कैदी ऐसे भी हैं, जो आपराधिक दुनिया में शामिल होने के बाद अब पश्चाताप की आग में झुलस रहे हैं.
जेल में वे अपने गुनाहों की सजा काटने के साथ कुछ अच्छा कार्य करना चाहते हैं. ऐसे ही एक कैदी हैं साधुराम. साधुराम को जेल में कैदी नंबर 259 के रूप में पहचाना जाता है. साधुराम जेल से बाहर निकलने पर एक अच्छे नागरिक की तरह जीवन यापन करना चाहते हैं. जिसकी शुरुआत साधुराम ने जेल से ही कर दी है. सेंट्रल जेल में सैकड़ों खूबसूरत पेंटिंग्स बनी हैं, जिसे जेल के कैदी साधुराम और उसके 15 अन्य साथियों ने मिलकर बनाया है. एनडीपीएस मामले में 12 साल की सजा काट रहे कैदी साधुराम से जब जेल प्रशासन ने पूछा कि उनकी रुचि क्या है, तो साधुराम ने बताया कि पेंटिंग करने का उसे शौक है.
इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे एक चित्र बनाने के लिए दिया. साधुराम ने इस चित्र को बेहद ही खूबसूरत तरीके से बनाया, जिसके बाद जेल प्रशासन ने साधुराम के इस शौक को पूरा करने के लिए उसकी हर संभव मदद की. साधुराम के इस हुनर से जेल के अन्य 15 कैदी भी बेहद प्रभावित हुए. इन कैदियों ने भी साधुराम के साथ पेंटिंग सीखना शुरू कर दिया. सेंट्रल जेल उदयपुर के जेलर मान सिंह ने बताया कि दो साल से साधुराम और जेल के अन्य 15 कैदी पेंटिंग कर रहे हैं. जेल की दीवारों पर सैकड़ों खूबसूरत पेंटिंग्स इनके द्वारा बनाई गई हैं. उन्होंने बताया कि इन पेंटिंग्स के लिए करीब साढ़े सात लाख रुपये का खर्चा जेल प्रशासन की ओर से किया गया.