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आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस: IMS में अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल कॉन्फ्रेंस हुई आयोजित

Deepa Sahu
23 April 2021 2:24 PM GMT
आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस: IMS में अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल कॉन्फ्रेंस हुई आयोजित
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आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : मुख्य वक्ता केपीएमजी के सीनियर एसोसिएट डायरेक्टर साहिल नायर, गेस्ट ऑफ ऑनर इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रो. (डॉ.) मनोज कुमार सिन्हा, अधिवक्ता कपिल संखला, एसीसीईडीयू, (पेरू) के निदेशक इवान मुनिज, डीपलर्निंग एक्सपर्ट वीणा सरदा एवं एमवीपी के प्रोग्राम कॉडिनेटर रोहित गुप्ता ने छात्रों के साथ 2030 में मानव संसाधन पर एआई का वैश्विक प्रभाव पर चर्चा की।

आईएमएस की डीन प्रो. (डॉ.) मंजू गुप्ता ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि मानव जीवन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का गहरा प्रभाव है। साथ ही हमारे जीवन में टेक्नोलॉजी के साथ-साथ प्रकृति का उतना ही महत्व है। उन्होंने कहा कि वास्तव में मानवीय संसाधनों का प्रबंध करना सबसे महत्वपूर्ण और केंद्रीय कार्य है। अन्य सभी संसाधनों का उचित या अनुचित उपयोग मानवीय तत्वों पर निर्भर है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि प्रकृति ने मनुष्य को बनाया, मनुष्य ने मशीन का निर्माण किया और अब मनुष्य प्रकृति को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का क्षेत्र काफी व्यापक है और मशीन लर्निंग इसका एक हिस्सा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्पष्ट रूप से किसी भी देश को विकसित करने में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में मशीन उत्पादन केलिए भी मानव संसाधनों की आवश्यकता होगी। साथ ही मानव जीवन में हमेशा प्रकृति की सवोच्चयताबनी रहेगी। उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा ऐसी होनी कि मानव को एक संसाधन के रूप में तैयार करें।


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