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मोदी सरकार के दांव से आर्टिकल 370 बना इतिहास, भड़के असदुद्दीन ओवैसी

jantaserishta.com
11 Dec 2023 12:46 PM GMT
मोदी सरकार के दांव से आर्टिकल 370 बना इतिहास, भड़के असदुद्दीन ओवैसी
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हैदराबाद: जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद अलग-अलग नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है। इसी कड़ी में एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले को लेकर असंतोष जताया है। फैसला आने के बाद ओवैसी ने कहा है कि अब बीजेपी को कोई रोक नहीं सकता। अब वो दिन दूर नहीं जब चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई और कोलकाता को केंद्रशासित प्रदेश बना दिया जाएगा। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराया है।

ओवैसी ने लद्दाख के उदाहरण का जिक्र करते हुए कहा कि इसे उप राज्यपाल द्वारा शासित किया जा रहा है और कोई लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व नहीं है। उन्होंने 2019 की एक संगोष्ठी में प्रधान न्यायाधीश द्वारा की गई एक टिप्पणी को उद्धृत करते हुए कहाकि सार्वजनिक चर्चा हमेशा ही उन लोगों के लिए एक खतरा है जो इसकी अनुपस्थिति में सत्ता हासिल करते हैं। उन्होंने कहाकि संघवाद का यह मतलब है कि प्रांत की अपनी आवाज है और अपनी क्षमता के तहत, इसे संचालित होने की पूरी स्वतंत्रता है। संसद, विधानसभा की जगह कैसे ले सकती है?’ ओवैसी ने कहा कि जिस तरह से आर्टिकल 370 को निरस्त किया गया, उनके लिए वह संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन है।

असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि आर्टिकल 370 को निरस्त करने का सबसे ज्यादा नुकसान जम्मू के डोगरा और लद्दाख के बौद्ध समुदाय को होगा, जिन्हें जनसांख्यिकी बदलावों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने सवाल किया कि राज्य का दर्जा बहाल करने पर कोई समय सीमा क्यों नहीं है? ओवैसी ने कहाकि जम्मू कश्मीर में दिल्ली (केंद्र) के शासन के पांच साल हो गए हैं। विधानसभा चुनाव राज्य में यथाशीघ्र होना चाहिए। 2024 के विधानसभा चुनाव के साथ। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन ऐसा होने का यह मतलब नहीं है कि इसका केंद्र के साथ कोई विशेष संवैधानिक संबंध नहीं है। उन्होंने कहाकि इस संवैधानिक संबंध को कश्मीर के संविधान सभा को भंग कर स्थायी बनाया गया था।

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