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हाईकोर्ट के जजों को जान से मारने की धमकी देने वाला गिरफ्तार, गृह मंत्री ने दी जानकारी

Nilmani Pal
23 March 2022 2:07 AM GMT
हाईकोर्ट के जजों को जान से मारने की धमकी देने वाला गिरफ्तार, गृह मंत्री ने दी जानकारी
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बड़ी कार्रवाई

कर्नाटक। कर्नाटक हिजाब विवाद में फैसला सुनाने वाले हाईकोर्ट जजों को जान से मारने की धमकी देने वाले शख्स की गिरफ्तारी हुई है. मिली जानकारी के अनुसार कर्नाटक पुलिस ने उसे तमिलनाडु से गिरफ्तार किया है. इस व्यक्ति ने कर्नाटक के हिजाब विवाद में फैसला सुनाने वाले तीन जजों को जान से मारने की धनकी दी थी. वहीं धमकी मिलने के बाद कर्नाटक प्रशासन की तरफ से इन जजों को सुरक्षा प्रदान की गई थी.

गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने मंगलवार को इस बात की जानकारी देते हुए कहा, "जिस व्यक्ति ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीशों को मौत की धमकी दी थी, उसे आज कर्नाटक पुलिस द्वारा बॉडी वारंट पेश करने के बाद तमिलनाडु से राज्य लाया गया है. उसका नाम रहमथुल्ला है और उसे मदुरै से लाया गया है.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कर्नाटक पुलिस ने शनिवार को ही मदुरै में रहमथुल्ला को गिरफ्तार कर लिया था, उसे तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीजे) नामक एक संगठन का पदाधिकारी कहा जा रहा है. दरअसल हिजाब मामले में फैसला सुनाए जाने के बाद आरोपी कोवई रहमथुल्ला का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह कर्नाटक के जजों के खिलाफ हिंसा भड़काने की कोशिश करता पाया गया. वीडियो में उसने झारखंड में एक जिला न्यायाधीश का जिक्र करते हुए कहा कि आप सभी को पता है कि ये जज सुबह टहलने कहां जाते हैं. वहीं वीडियो वायरल होने के साथ ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि हमने हिजाब पर फैसला देने वाले तीनों जजों को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है. इसके साथ मुख्यमंत्री ने डीजी और आईजी को विधानसौधा पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत की गहन जांच करने का निर्देश दिया था. जजों की हत्या की धमकी दिए जाने की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था और धमकी देने वाले की तलाश की जा रही थी.

दरअसल बीते 15 मार्च को कर्नाटक के हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पर बैन को बरकरार रखने का फैसला सुनाया था. कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति खाजी जयबुन्नेसा मोहियुद्दीन की विशेष पीठ ने कक्षाओं में हिजाब की मांग वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि हिजाब इस्लाम की अनिवार्य प्रैक्टिस नहीं है.


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