भोपाल डीआईजी इरशाद वली के खिलाफ पांच हजार रुपये का ज़मानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.इसी के साथ मध्यप्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग ने उन्हें तलब किया है.मामला पुलिस के खिलाफ एक महिला के साथ मारपीट का है.इस मामले में बार-बार रिमाइंडर के बावजूद इरशाद अली ने आयोग को जवाब पेश नहीं किया.वली को अब 31 मार्च को आयोग में स्वयं उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना होगा. राज्य मानवाधिकार आयोग ने डीआईजी इरशाद अली के खिलाफ पांच हज़ार रूपये का ज़मानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.इस पर आईजी भोपाल पुलिस के जरिये तामील कराया जाएगा.एक महिला ने छोला मंदिर थाना पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया था।.इस मामले में आयोग ने इरशाद वली से कई बार प्रतिवेदन मांगा था. प्रतिवेदन नहीं देने पर आयोग ने यह फैसला लिया है.
मध्य प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग को 27 दिसम्बर 2019 को भोपाल की शिव नगर कॉलोनी में रहने वाली कविता रावत गोंड ने शिकायत की थी.उसमें कहा गया था कि देवरानी-जिठानी के बीच घरेलू झगड़े में एसआई राकेश तिवारी और छोला रोड थाना पुलिस ने दोनों महिलाओं को बुलाकर मारपीट और अश्लील हरकतें की थीं.महिलाओं से पुलिस ने 50 हज़ार रूपये भी मांगे थे. शिकायत में ये भी कहा गया था कि दोनों महिलाओं को बिना किसी अपराध के और परिवार को सूचना दिये बिना जेल भिजवा दिया था.शिकायत करने पर पुलिस हत्या की धमकी दे रही है.
जब ये शिकायत महिला आयोग पहुंची तो आयोग ने 20 जनवरी 2020 से लेकर 24 दिसम्बर 2020 तक डीआईजी भोपाल इरशाद वली को कई नामजद सूचना पत्र भेजकर समय सीमा में प्रतिवेदन देने के लिये कहा.लेकिन डीआईजी वली की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया. इस पर आयोग ने अब व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 32(ग) के अधीन डीआईजी भोपाल इरशाद वली को नामजद नोटिस जारी कर उन्हें निर्देश दिया है कि वो 31 मार्च 2021 को आयोग के सामने खुद उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण दें. आयोग ने डीआईजी वली के नाम पांच हज़ार रूपये का ज़मानती गिरफ्तारी वारंट भी 18 मार्च 2021 को जारी किया है.