अन्वय नाइक आत्महत्या मामला : SC ने रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी को अंतरिम जमानत दी। 50,000 रु के निजी मुचलके पर ज़मानत। जस्टिस चंद्रचूड़ और इंदिरा बनर्जी की बेंच ने माना कि बॉम्बे HC को मामले में आरोपी को अंतरिम जमानत दे देनी चाहिए थी।
आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने मामले में गिरफ्तार रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्बन गोस्वामी की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी बुधवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के जज धनन्जय वाई चंद्रचूड़ और जज इन्दिरा बनर्जी की पीठ अर्नब गोस्वामी की अंतरिम जमानत की अपील पर सुनवाई की। दरअसल, रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक को अंतरिम जमानत देने से इनकार करने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अर्नब की अपील दायर होने के कुछ घंटों के भीतर ही शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री ने इसे आज के लिए यानी 11 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। अधिवक्ता निर्निमेष दुबे के माध्यम से दायर इस अपील पर सुप्रीम कोर्ट सुबह साढ़े दस बजे से सुनवाई कर रहा है।
-उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर संवैधानिक अदालत हस्तेक्षप नहीं करती तो, हम निश्चित रूप से विनाश की राह पर चल रहे हैं।
-उच्चतम न्यायालय ने कहा कि हमारा लोकतंत्र असाधारण रूप से लचीला है, महाराष्ट्र सरकार को इन सब (टीवी पर अर्नब के तानों) को अनदेखा करना चाहिए।
-अर्नब गोस्वामी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला: उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर किसी की निजी स्वतंत्रता का हनन हुआ तो वह न्याय पर आघात होगा।
-उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र से पूछा कि क्या अर्नब गोस्वामी के मामले में हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की जरूरत है? कोर्ट ने आगे कहा,' हम व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मुद्दे से निपट रहे हैं।'
-अर्नब की याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'अगर हम एक संवैधानिक न्यायालय के रूप में स्वतंत्रता की रक्षा नहीं करेंगे, तो कौन करेगा?... अगर कोई राज्य किसी व्यक्ति को टारगेट करता है, तो हमें एक मजबूत संदेश देने की आवश्यकता है... हमारा लोकतंत्र असाधारण रूप से लचीला है।
- अर्नब गोस्वामी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलील रख रहे हैं और उन्होंने अर्नब के खिलाफ दर्ज एफआईआर का विरोध किया है और इसे गलत बताया है।
रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। दरअसल, अर्नब गोस्वामी ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें कोर्ट ने 2018 में आत्महत्या के मामले में गोस्वामी को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट बुधवार 11 नवंबर को सुनवाई करेगा।
रायगढ़ अदालत में अर्नब मामले में फैसला सुरक्षित
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले की सत्र अदालत ने पुलिस की याचिका पर अर्नब गोस्वामी और अन्य दो के खिलाफ फैसला सुरक्षित रख लिया है। पुलिस ने अपनी याचिका में मजिस्ट्रेट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें मजिस्ट्रेट ने अर्नब को पुलिस हिरासत में भेजने से इनकार करते हुए 18 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
एक इंटीरियर डिजायनर और उसकी मां को 2018 में कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी ने मंगलवार को अंतरिम जमानत के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की।
बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को इस मामले में अर्नब गोस्वामी और दो अन्य को अंतरिम जमानत देने से इंकार करते हुए कहा था कि उन्हें राहत के लिए निचली अदालत जाना चाहिए। उच्च न्यायालय ने कहा था कि अगर आरोपी अपनी 'गैरकानूनी गिरफ्तारी' को चुनौती देते हैं और जमानत की अर्जी दायर करते हैं, तो संबंधित निचली अदालत चार दिन के भीतर उस पर निर्णय करेगी।
इस मामले में हुई गिरफ्तारी
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग थाने की पुलिस ने चार नवंबर को इंटीरियर डिजायनर की कंपनी की बकाया राशि का कथित रूप से भुगतान नहीं करने के कारण अन्वय और उनकी मां को कथित रूप से आत्महत्या के लिए बाध्य करने के मामले में अर्नब को गिरफ्तार किया था।
उच्च न्यायालय ने गोस्वामी और दो अन्य आरोपियों फिरोज शेख और नितीश सारदा की अंतरिम जमानत के आवेदन अस्वीकार करते हुए कहा था कि यह असाधारण अधिकार क्षेत्र के इस्तेमाल का कोई मामला नहीं बनता है। यह प्राथमिकी निरस्त करने के लिए दायर याचिका पर उच्च न्यायालय 10 दिसंबर को सुनवाई करेगा। गोस्वामी सहित तीनों आरोपियों को चार नवंबर को देर रात एक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था, जिन्होंने उन्हें पुलिस हिरासत में देने से इनकार करते हुए 18 नवंबर तक के लिये न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।