यूपी। लखनऊ के राजाजीपुरम क्षेत्र की एक महिला की 12 साल में दो बार मौत के दावों से सेना के अफसर हैरान हैं। सेना की इंटेलीजेंस शाखा जांच कर रही है कि ऐसा कैसे संभव है। उसने नगर निगम लखनऊ व देहरादून से इससे जुड़े सभी दस्तावेज मांगे हैं। ई 1131, राजाजीपुरम निवासी चंद्रिका प्रसाद यादव सेना में अधिकारी थे। वह 26 अक्तूबर 1961 को भर्ती हुए और 31 अक्टूबर 1983 को रिटायर हुए थे। उनकी पत्नी इतवारी देवी का 20 अगस्त 2009 को निधन हो गया था। लखनऊ नगर निगम ने 8 सितंबर 2009 को इतवारी देवी का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया। इसमें लिखा है कि उनकी मृत्यु लखनऊ मेडिकल कॉलेज में हुई थी। चंद्रिका प्रसाद यादव ने अपनी पत्नी की मृत्यु का प्रमाण पत्र सेना कार्यालय में जमा किया था।
इसके बाद 5 नवंबर 2010 को उन्होंने उषा देवी से दूसरी शादी कर ली। 8 दिसंबर 2023 को चंद्रिका प्रसाद यादव का भी निधन हो गया। इसके बाद सेना को एक लीगल नोटिस मिला। इसमें विजय कुमार नाम के शख्स ने खुद को चंद्रिका प्रसाद यादव व इतवारी देवी का पुत्र बताया। लीगल नोटिस के साथ उन्होंने सेना को अपनी माता इतवारी देवी के निधन का एक प्रमाण पत्र भी दिया, जो देहरादून नगर निगम से जारी किया गया है। इसमें इतवारी देवी के निधन की तारीख 21 अप्रैल 2021 लिखी है। यह 18 जून 2021 को जारी किया गया है। इसके बाद सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल एसआरओ रवीन्द्र जाम्बहले ने लखनऊ नगर निगम व राज्य सरकार को पत्र लिख कर मृत्यु प्रमाण पत्र से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं।
चंद्रिका प्रसाद यादव के निधन के बाद इतवारी देवी की मृत्यु का रहस्य गहरा गया है। चंद्रिका प्रसाद यादव के जिंदा रहने तक किसी ने इस संबंध में कोई सवाल नहीं उठाया था। उनके निधन के बाद पहली पत्नी का दो-दो मृत्यु प्रमाण पत्र सामने आना सभी को चौंका रहा है। नगर निगम लखनऊ के अधिकारी भी नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर वास्तव में इतवारी देवी का निधन कब हुआ है।