भारत ने दुनिया में आगे बढ़ने का अपना टारगेट सेट कर लिया है। वह अब हथियारों के निर्माण के मुद्दे में न सिर्फ़ आत्मनिर्भर होना चाहता है बल्कि हथियार निर्यात में भी अपना दबदबा बनाना चाहता है। पिछले कुछ वर्षों में शुरु हुए इन बदलावों का असर भी दिखने लगा है और कई राष्ट्र अब हिंदुस्तान में बने हथियारों में रूचि दिखा रहे हैं। अब लैटिन अमेरिकी राष्ट्र अर्जेंटीना ने हिंदुस्तान में बने दुनिया के सबसे हल्के लड़ाकू विमान तेजस और दुनिया की सबसे तेज गति से अटैक करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है।
खरीदना चाहता है ये घातक हथियार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अर्जेंटीना के रक्षा मंत्री जॉर्ज एनरिक तायाना ने पिछले महीने हिंदुस्तान का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने तेजस और ब्रह्मोस (Tejas Plane- BrahMos Missile) बनाने वाले निर्माण केंद्रों का दौरा किया था। वे दुनिया के सबसे घातक हथियारों की क्षमताओं को जानकर दंग रह गए। उन्होंने कहा कि उनका राष्ट्र इन हथियारों समेत कई अन्य वेपन हिंदुस्तान से खरीदना चाहता है। इनमें सेना हेलीकॉप्टर, लड़ाकू विमान, ब्रह्मोस मिसाइल, राइफलें और बुलेटप्रूफ जैकेट शामिल हैं।
पुराने लड़ाकू हथियारों को करेगा रिप्लेस
भारत में तैनात अर्जेटीना (Argentina) के राजदूत ह्यूगो जेविय गोब्बी ने भी इस बारे में अपने राष्ट्र की इच्छाओं की विस्तृत रूप से जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान और अर्जेंटीना के बीच द्विपक्षीय संबंधों का स्तर साल 2019 में अपग्रेड होकर रणनीतिक साझेदारी में बदल चुका है। इसके बाद से दोनों राष्ट्र नियमित रूप से रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अर्जेंटीना अपनी वायुसेना में पुराने हो चुके लड़ाकू विमानों का रिप्लेस करना चाहता है। इसके लिए उसकी नजर दुनिया के सबसे हल्के फाइटर प्लेन तेजस (Tejas Plane- BrahMos Missile) पर है।
अर्जेंटीनी पायलटों को भा गए तेजस विमान
अर्जेटीना (Argentina) के राजदूत ने कहा कि तेजस विमानों न की क्षमता और मूल्यांन करने के लिए उनके राष्ट्र की ओर से पायलटों और एक्सपर्टों की टीम हिंदुस्तान भेजी गई थी। इस टीम ने तेजस निर्माण केंद्रों का दौरा करने के साथ ही तेजस को उड़ाकर भी देखा था। वह टीम हथियारों के मुद्दे में हिंदुस्तान की तकनीकी क्षमता से बहुत प्रभावित रही। उसने अर्जेंटीनी गवर्नमेंट से इन विमानों को खरीदने की सिफारिश की है। हालांकि इसमें उन्होंने तेजस विमानों से ब्रिटिश कलपुर्जों को हटाने की मांग रखी है, जिसे हिंदुस्तान ने मान लिया है।
16 विमानों के सौदे पर चल रही बातचीत
ह्यूगो जेविय गोब्बी ने कहा कि उनका राष्ट्र हिंदुस्तान से 16 तेजस विमानों (Tejas Plane- BrahMos Missile) की खरीद करना चाहता है। इसके साथ ही वह अपने सेना अड्डों के विकास में हिंदुस्तान की सहायता भी चाहता है। अर्जेंटीना (Argentina) में हेलीकॉप्टर के रखरखाव और मरम्मत को लेकर भी HAL से समझौता किया गया है। इसके साथ ही ब्रह्मोस, लड़ाकू टैंक और दूसरे हथियारों की खरीद पर भी बात चल रही है।