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मनमानी पर लगेगा ब्रेक!! आ गया सोशल मीडिया को लेकर नया नियम, जानें बड़ी बातें

jantaserishta.com
29 Oct 2022 2:42 AM GMT
मनमानी पर लगेगा ब्रेक!! आ गया सोशल मीडिया को लेकर नया नियम, जानें बड़ी बातें
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

केंद्र सरकार ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से संबंधित नियमों में बड़े बदलाव किए हैं
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से संबंधित नियमों में बड़े बदलाव किए हैं. संशोधित आईटी नियमों के तहत सोशल प्‍लेटफॉर्म्‍स ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब और इंस्‍टाग्राम को भारत के संविधान के प्रावधानों और देश की संप्रभुता के नियमों का पालन करना अनिवार्य हो गया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट और अन्य मामलों के संबंध में शिकायतों के लिए एक अपीलीय पैनल गठित किया जाएगा, जो उपयोगकर्ताओं की समस्याओं का समाधान करेगा.
ये समितियां मेटा और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा सामग्री मॉडरेशन निर्णयों की समीक्षा करने में सक्षम होंगी. शुक्रवार को जारी गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक तीन महीने के भीतर 'शिकायत अपीलीय समितियां' गठित की जाएंगी. संयोग से ये कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला इंक के सीईओ एलॉन मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण किया है.
केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडिएटरी गाइडलाइन और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2022 को जारी किया है. इस संबंध में दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया और कहा- 'उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाना, प्राइवेसी पॉलिसी और इंटरमीडिएटरी के लिए यूजर्स एग्रीमेंट को आठ अनुसूची भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, आईटी नियमों में बदलाव को लेकर महीनों से काम चल रहा था. इससे पहले डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मनमाने ढंग से काम करने के आरोप लगते रहे हैं. अब नए बदलाव से यूजर्स को अपीलीय समितियों के रूप में एक नया मंच मिलेगा, जो शिकायतों के लिए अपील तंत्र से लैस करेगा और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के अधिकारियों के निर्णयों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकेगा.
आईटी नियमों में संशोधन के संबंध में जारी अधिसूचना में कहा गया है- केंद्र सरकार सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमीडिएटरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया एथिक्‍स) संशोधन नियम, 2022 के शुरू होने की तारीख से तीन महीने के भीतर अधिसूचना द्वारा एक या अधिक शिकायत अपीलीय समितियों का गठन करेगी. प्रत्येक शिकायत अपील समिति में एक अध्यक्ष और केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त दो पूर्णकालिक सदस्य होंगे, जिनमें से एक पदेन सदस्य होगा और दो स्वतंत्र सदस्य होंगे.
शिकायत अधिकारी के निर्णय से अगर कोई व्यक्ति असहमत होता है तो वो शिकायत अधिकारी से सूचना मिलने से तीस दिनों के भीतर अपीलीय समिति में शिकायत कर सकता है. शिकायत अपीलीय पैनल इस तरह की अपील को 'शीघ्रता से' निपटाएगा और अपील प्राप्त की तारीख से तीस दिनों के भीतर अंतिम रूप से समस्या को निपटाने का प्रयास करेगा.Live TV
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