
खास बात यह भी है कि 2019 में भी टोल दरों में इजाफा किया गया था. जेपी इंफ्राटेक ने करीब 130 करोड रुपए खर्च करके एक्सप्रेसवे पर सेफ्टी-सिक्योरिटी इंतजाम किए हैं. इसे आधार बनाते हुए नई दरें प्रस्तावित की गई थी जिसे बोर्ड की बैठक में मंजूरी मिल गई है. यमुना एक्सप्रेस वे का सफर अब 1 सितंबर 2022 से महंगा हो जाएगा जिसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा. यह फैसला यमुना प्राधिकरण की 74वीं बोर्ड बैठक में लिया गया है.
2019 से यमुना एक्सप्रेस वे पर टोल दरें नही बढ़ाई गई थी. अब हल्के वाहनों के लिए 10 पैसा प्रति किलोमीटर बढ़ाया गया है. व्यवसायिक वाहनों पर 3 रूपए 90 पैसे प्रति किलोमीटर की जगह अब 4 रुपए 15 पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से भुगतान करना पड़ेगा.
बस और ट्रक पर पहले 7 रूपए 90 पैसे प्रति किलोमीटर टोल शुल्क था जो अब 8 रुपये 45 पैसे प्रति किलोमीटर हो गया है. वहीं छह चक्के वाले वाहनों की बात करें तो पहले उन्हें 12.05 पैसे चुकाने पड़ते थे लेकिन अब 15 रुपए 85 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से पैसे देने होंगे.
इस फैसले को लेकर अथॉरिटी के सीईओ ने कहा कि, "साल 2018-19 के बाद टोल बढ़ाने का प्रस्ताव आया था लेकिन 14 सितंबर 2021 को टोल दरों को यथावत रखने का फैसला लिया गया था. अब कंपनी ने जानकारी दी है कि आईआईटी दिल्ली के रोड सेफ्टी ऑडिट में दिए गए सुझावों पर काम किया गया है. रोड सेफ्टी के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर 22 सुधार किए गए हैं जिन पर कंपनी ने 130.54 करोड रुपए खर्च किए हैं.
