भारत

खरगोन में हुई हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल, की गई ये मांग

jantaserishta.com
30 April 2022 9:44 AM GMT
खरगोन में हुई हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल, की गई ये मांग
x

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के खरगोन हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. पीड़ित परिवारों की तरफ से SC में याचिका दाखिल की गई है. इसमें मामले की SC के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में जांच कराए जाने की मांग की गई है. बता दें कि खरगोन में रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा भड़क गई थी. गोली लगने से एसपी घायल हो गए थे. पथराव में 5 पुलिसवाले समेत 50 लोग जख्मी हो गए थे.

इस मामले में याचिकाकर्ता ने कोर्ट में गुहार लगाई है कि सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जज की अगुआई में एसआईटी बनाकर जांच की जाए, ताकि कोर्ट की निगरानी में होने वाली जांच स्वतंत्र और निष्पक्ष हो. याचिकाकर्ता की ओर से वकील आदिल अहमद ने कहा कि जुलूस में भड़काऊ नारेबाजी के साथ पथराव और हिंसा हुई. इससे सांप्रदायिक वैमनस्यता बढ़ी. फिर कर्फ्यू लगाना पड़ा. उन्होंने आगजनी की घटना की जांच कराने की गुहार लगाई है.
प्रशासन ने हिंसा में शामिल 80 लोग गिरफ्तार किए. इस घटना की जांच चल ही रही थी कि राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ऐलान किया कि सीसीटीवी फुटेज में जो लोग दंगा-फसाद और पथराव करते दिख रहे हैं उनके घर बुलडोजर से गिराए जाएंगे. ये अनैतिक, अन्यायपूर्ण और असंवैधानिक है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ऐसे ही मामलों में जमीअत उलमा ए हिंद की याचिका पर नोटिस भी जारी कर चुका है.
खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी का जुलूस निकाला जा रहा था. इस दौरान हिंसा भड़क गई और उपद्रवियों ने जमकर बवाल किया था. तोड़फोड़ में 4 दुकानों को नुकसान पहुंचा था. जबकि 7 दुकानें पूरी तरह जला दी गई थीं. 70 मकानों को आंशिक रूप से और 10 मकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया था. 6 चारपहिया वाहन और 22 दोपहिया वाहन पूरी तरह जलाकर राख कर दिए गए थे. हिंसा में कुल 50 लोग घायल हुए थे. घायलों में एसपी समेत 6 पुलिस के जवान भी शामिल थे. हिंसा में संभावित 2 करोड़ की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था. इसके बाद राज्य सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया था.
jantaserishta.com

jantaserishta.com

    Next Story