16 फरवरी को किसान और मजदूर संगठनो के भारत बंद के आह्वान पर पुनर्विचार करने की अपील
दिल्ली। दसवीं और बारहवीं बोर्ड सहित अन्य कक्षाओ मे पढने वाले बच्चों के माता-पिता के रूप में, हम पीड़ा में है कि श्रमिकों और किसान संगठनो द्वारा 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल/बंद का आह्वान किया है। जबकि बच्चो कि परीक्षाए चल रही है। हालाँकि हम यूनियनों द्वारा विरोध करने के अधिकार को स्वीकार करते हैं, परंतु हम उनसे स्कूल जाने वाले बच्चों पर उनके आह्वान के नतीजों पर विचार करने की अपील करते हैं।
सीटू और एसकेएम ने अपनी मांगों को लेकर 16 फरवरी को देशव्यापी बंद और रेल एवं सड़क नाकाबंदी का आह्वान किया है। उस दिन बंद रखने का निर्णय, जब कई छात्र अपनी 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होंगे, सभी छात्रों और उनके अभिभावकों को परेशान कर रहा है। हमारे बच्चे इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। लेकिन रेल/सड़क अवरोधों और परिवहन सेवाओं की अनुपलब्धता के कारण यदि वे अपने परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में असमर्थ हैं तो उनकी मेहनत व्यर्थ जा सकती है।
हम अभिभावक यूनियनों से ईमानदारी से अपील करते हैं कि वे बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन के दौरान हड़ताल बंद रखने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें, जो छात्रों के शैक्षणिक करियर में सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है।