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Antibody Cocktail Drug: भारत में एंटीबॉडी कॉकटेल से पहला मरीज ठीक, दवा देने के अगले दिन अस्पताल से छुट्टी

jantaserishta.com
28 May 2021 3:09 AM GMT
Antibody Cocktail Drug: भारत में एंटीबॉडी कॉकटेल से पहला मरीज ठीक, दवा देने के अगले दिन अस्पताल से छुट्टी
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हरियाणा के 84 वर्षीय मोहब्बत सिंह देश में कोरोना के पहले मरीज हैं जिन्हें एंटीबॉडी कॉकटेल ड्रग दी गयी थी. मोहब्बत सिंह गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में अपना इलाज कर रहे थे और उन्हें मंगलवार को रोश इंडिया और सिप्ला की एंटीबॉडी कॉकटेल ड्रग दी गयी थी. अस्पताल प्रसाशन के अनुसार सिंह को बुधवार को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. ये मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थैरेपी, हल्के से मध्यम लक्षणों वाले मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को 70 प्रतिशत तक कम कर देती है.

मंगलवार को कासिरिविमैब और इमडेविमैब का कॉकटेल देने के बाद मोहब्बत सिंह को निगरानी में रखा गया और बीते दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. अस्पताल के प्रवक्ता के अनुसार, "एंटीबॉडी कॉकटेल ड्रग देने के बाद उन्हें निगरानी में रखा गया था, जिसके बाद कल उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया." स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी रोश इंडिया और सिप्ला ने सोमवार को भारत में रोश की एंटीबॉडी कॉकटेल को लॉन्च करने की घोषणा की थी, जिसकी कीमत 59,750 रुपये प्रति डोज रखी गई है. ये कोविड मरीजों को गंभीर हालत होने पर दी जाएगी.
अस्पताल के बयान के अनुसार, "कासीरिविमाब और इमडेविमाब' इन दो एंटीबॉडी से तैयार होने वाला ये कॉकटेल कोरोना के इलाज में बेहद कारगर साबित होगा. ये एंटीबॉडी उच्च जोखिम वाले रोगियों की स्थिति खराब होने से पहले, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को 70 प्रतिशत तक कम में सहायक है. इस ड्रग से मरीज के शरीर में तेजी से एंटीबॉडी बनती है जो शरीर में वायरल को कम करती है. साथ ही इससे शरीर में कोरोना के लक्षण का समय भी कम हो जाता है."
मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉक्टर नरेश त्रेहन के अनुसार, "प्लाज्मा के साथ साथ कोरोना के इलाज में इस्तेमाल हो रही रेमेडिसिविर और टोसिलिजुमैब (Tocilizumab) से ये दवा बिल्कुल अलग है. इस दवा को देने के बाद मरीज के शरीर में जो एंटीबॉडी बनती हैं वो केवल तीन से चार हफ्ते ही रहती हैं. हालांकि इस दौरान इस दवा के वायरस के असर को ये पूरी तरह से कम कर देती है."
कासिरिविमैब और इमडेविमैब ये दोनों मोनोक्लॉनल एंटीबॉडीज या लैब में बनाए हुए प्रोटीन होते हैं, जो इंसान के इम्युन सिस्टम की नकल करते हुए वायरस आदि से लड़ने के लिए तैयार किए जाते हैं. कासिरिविमैब और इमडेविमैब को खास तौर पर कोविड महामारी फैलाने वाले वायरस SARS-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ कार्य करने के लिए तैयार किया गया है. इस कॉकटेल में दोनो एंटीबॉडीज की 600-600mg की खुराक दी जाती है. इसे 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर किया जा सकता है.
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