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प्रधानमंत्री की रेटिंग ऊंची बनी हुई है।
नई दिल्ली (आईएएनएस)| यह एक आम सोच बन गई है कि वर्ष 2014 से जारी भाजपा की अविश्वसनीय चुनावी विजय का श्रेय वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को है। आइएएनएस-सीवोटर के सत्ता विरोधी ट्रैकर के ताजा सर्वे में एक तरफ जहां ज्यादातर राज्यों में वहां की सरकारों व निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ लोगों में नाराजगी है, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री की रेटिंग ऊंची बनी हुई है।
हिंदी भाषी इलाकों में तो सामान्य है, लेकिन अन्य राज्यों में भी पीएम के खिलाफ नाराजगी का स्तर बहुत कम होना चकित करने वाला है।
तीन राज्यों छत्तीसगढ़ (6.7 प्रतिशत), दिल्ली (8.6 प्रतिशत), और पश्चिम बंगाल (9.8 प्रतिशत) के साथ मतदाताओं में पीएम मोदी के खिलाफ सबसे कम नाराजगी है। इनमें से प्रथम दो में तो पहले से लगाए गए अनुमान के मुताबिक ही लोगों का रूझान है, लेकिन पश्चिम बंगाल से आया लोगों का रूझान कुछ अलग ही संकेत कर रहा है। राज्य में सत्ता के सभी स्तरों, पंचायत से लेकर नगर निकायों तक में तृणमूल की मजबूत पकड़ व विधानसभा में ऐतिहासिक रूप से रिकार्ड विधायक होने के बावजूद, राष्ट्रीय सरकार की अपेक्षा राज्य सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर अधिक है।
इस बीच भाजपा के प्रभुत्व वाले कुछ राज्यों जैसे गोवा, झारखंड और कर्नाटक में वहां की सरकारों के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ मतदाताओं की नाराजगी से औसत रूप से अधिक है।
सीवोटर के सर्वे के अलावा अन्य सर्वे एजेंसियों ने भी अपने सर्वे में यह बार-बार दिखाया है कि प्रधानमंत्री मोदी देश के सर्वाधिक लोकप्रिया नेता बने हुए हैं। कोविड की दूसरी लहर के बाद प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता में कुछ अस्थिरता आई थी, लेकिन वह सर्वाधिक लोकप्रिय नेता के रूप में बरकरार रहे।
सीवोटर द्वारा आईएएनएस के लिए किए गए त्रैमासिक सत्ताविरोधी लहर के सर्वे में गोवा, झारखंड और कर्नाटक ऐसे राज्य के रूप में सामने आए हैं, जहां मतदाता अप्रत्याशित रूप से प्रधानमंत्री मोदी से नाराज हैं। उदाहरण के रूप में गोवा में सर्वाधिक 35.8 प्रतिशत लोग पीएम से असंतुष्ट हैं। इसी प्रकार झारखंड में 25.9 प्रतिशत और कर्नाटक में 25.6 प्रतिशत लोग असंतुष्ट हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इन तीनों राज्यों में भाजपा ने लगभग सभी सीटों पर जीत दर्ज करते हुए विपक्ष का सफाया कर दिया था।
अन्य राज्य, जहां लोगों ने पीएम के खिलाफ बहुत अधिक असंतुष्टि प्रकट की, वह अनुमान के मुताबिक ही है। पिछले आठ वर्षो में तीन राज्यों पंजाब, केरल और तमिलनाडु में प्रधानमंत्री के प्रति लोगों में सर्वाधिक नकारात्मकता है।
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