भारत
फरीदाबाद में मकानों को ढहाने की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में फिर एक याचिका दायर
Deepa Sahu
17 July 2021 11:19 AM GMT
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सुप्रीम कोर्ट
अरावली के वन क्षेत्र में स्थित खोरी गांव में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फरीदाबाद नगर निगम द्वारा अवैध रूप से बने मकानों को ढहाने की कार्रवाई के बीच एक संगठन ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर इस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है।
इस याचिका में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पुनर्वास नीति में वर्ष 2003 को पुनर्वास के लिए कट ऑफ तारिख तय करने को भी चुनौती दी गई है। इससे पहले भी दो याचिकाएं दायर कर कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया था। जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ 19 जुलाई को इस याचिका पर सुनवाई करेगी।
अतिक्रमण क्षेत्र के लगभग 1.5 लाख निवासियों की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि उस क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल और एक सरकारी पार्क का अस्तित्व यह प्रमाणित करता है कि सरकार ने उनके निर्माण के लिए इस क्षेत्र को काफी हद तक मान्यता दी थी। सरकारी खर्च से स्कूल और एक पार्क का निर्माण किया गया था। वकील मोहित पॉल के माध्यम से दायर इस याचिका में कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत प्रदत जीवन के अधिकार में आजीविका का अधिकार शामिल है।
याचिका में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को उस जगह से बेदखल कर दिया जाता है जहां वह अनधिकृत रूप से रह रहा है और उसका घर गिरा दिया गया है तो वह निश्चित रूप से अपनी आजीविका भी खो देगा और काम करने के लिए उसे कहीं और जाना होगा। सात जून को शीर्ष अदालत ने फरीदाबाद के नगर निगम को छह सप्ताह के भीतर खोरी गांव वन भूमि पर सभी झुग्गियों और अतिक्रमणों को हटाने के लिए कहा था।
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