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भारत में एक और शेर कोरोना पॉजिटिव, जानिए कैसे लिया जाता है सैंपल

jantaserishta.com
13 May 2021 9:37 AM GMT
भारत में एक और शेर कोरोना पॉजिटिव, जानिए कैसे लिया जाता है सैंपल
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फाइल फोटो 

हैदराबाद के बाद अब जयपुर के नाहरगढ़ चिड़ियाघर में एक शेर कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. इस शेर का नाम है त्रिपुर. जयपुर के इस चिड़ियाघर से 13 जानवरों के सैंपल कोरोना जांच के लिए इंडियन वेटरिनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (IVRI) के सेंटर फॉर एनिमल डिजीज रिसर्च एंड डायग्नोसिस (CADARD) भेजा गया था. जहां पर जांच होने के बाद त्रिपुर शेर को कोरोना संक्रमित बताया गया है. जयपुर से तीन शेर, तीन बाघ और एक पैंथर समेत 13 जानवरों के सैंपल भेजे गए थे. आइए जानते हैं एक्सपर्ट से कि इन जानवरों की जांच कैसे होती है? इनकी रिपोर्ट कितने दिनों में आती है?

CADARD के ज्वाइंट डायरेक्टर और देश भर से आने वाले जानवरों के सैंपलों की जांच करने वाले साइंटिस्ट डॉ. केपी सिंह ने aajtak.in से खास बातचीत में कहा कि सैंपल चिड़ियाघर के कर्मचारी और जीव विशेषज्ञ ही कलेक्ट करते हैं. वो जानवर को पिंजड़े में डालकर उसके मल का सैंपल (Faecal Sample) लेते हैं. या फिर उसके गुदा द्वार से स्वैब (Rectum Swab) लेते हैं. फिलहाल नाक से गले से स्वैब या सलाइवा सैंपल नहीं लिए जा रहे हैं.
डॉ. केपी सिंह ने बताया कि CADARD में बायो-सेफ्टी लेवल 3 प्रयोगशाला है. इस लैब में ऐसे सैंपल की जांच होती है, जो ज्यादा गंभीर जूनोटिक बीमारियों से संक्रमित होते हैं. ये अत्यधिक सुरक्षा वाली लैब है. सैंपल हमारे पास कोई शख्स लेकर आता है. या फिर वो कोरियर के जरिए भेजा जाता है. सैंपल जिस दिन रिसीव होता है, उसके 6 घंटे में जांच करके हम रिपोर्ट को ईमेल, स्कैन करके या फोटो व्हाट्सएप कर देते हैं.
डॉ. केपी सिंह ने बताया कि जानवरों के सैंपल की भी RT-PCR जांच होती है. इसकी प्रक्रिया भी इंसानों के जांच की तरह ही होती है. पिछले एक साल में हमारे पास देश भर से 700 जानवरों के 267 सैंपल आए हैं. जिनमें से सिर्फ तीन पॉजिटिव और तीन संदिग्ध मिले. जयपुर चिड़ियाघर के अधिकारियों का कहना है कि उनके बाकी जानवर स्वस्थ हैं. लेकिन हमने उन्हें कहा कि ये एसिम्टोमैटिक हो सकते हैं. इसलिए दोबारा सैंपल लेकर जांच करानी चाहिए. उन्हें कहा गया है कि इन जानवरों को आइसोलेट कर दिया जाए. साथ ही इनके हैंडलर की कोरोना जांच कराई जाए.
डॉ. सिंह ने बताया कि इससे पहले इटावा के लायन सफारी से दो बाघिन गोरी और जेनिफर के सैंपल आए थे. इन दोनों में कोरोना के लक्षण थे. ये पॉजिटिव थीं. बाद में जब जांच की गई तो पता चला कि इनका हैंडलर भी पॉजिटिव था. हमारे पास पूरे देश से केस आते हैं. जब भी स्थिति नियंत्रण से बाहर होती है तब हमारी टीम साइट पर जाकर विजिट और जांच करती है. पोस्टमार्टम करती हैं.
सैंपल कलेक्ट करती है. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. देश में जानवरों के कोरोना पॉजिटिव होने के मामले बेहद कम है.इससे पहले हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क (NZP) में आठ बब्बर शेर कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. भारत में इंसानों द्वारा जानवरों में कोरोना संक्रमण फैलने का यह पहला मामला था. इन आठों शेरों में चार शेर और चार शेरनियां हैं. RT-PCR टेस्ट कराने पर पता चला है कि ये आठों शेर कोरोना वायरस के पुराने वैरिएंट से संक्रमित हैं.
19 अप्रैल को सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) में इन शेरों के स्वैब जांच के लिए भेजे गए थे. इसके बाद ये पुष्टि हुई कि ये आठों शेर कोरोना संक्रमित हैं. CCMB के डायरेक्टर डॉ. राकेश मिश्रा ने बताया कि ये शेर काफी तेजी से रिकवर कर रहे हैं. ये ढंग से खाना भी खा रहे हैं. हमने शेरों के साथ किस तरह से पेश आना है, इसकी डिटेल चिड़ियाघर के कर्मचारियों के साथ शेयर कर दिया है. इसमें शेरों के खान-पान और ख्याल रखने के तरीके लिखे हैं.
ऐसा पहली बार हुआ था जब देश में इंसानों के जरिए किसी जीव को कोरोना संक्रमण हुआ. हालांकि अभी तक किसी घरेलू जानवर में इंसानों के जरिए कोरोना संक्रमण का मामला सामने नहीं आया है. CCMB ने संबंधित अथॉरिटी को पत्र लिखकर इन आठों शेरों के मल का सैंपल भी मंगाया है. 1 मई को ही पर्यावरण, जंगल और जलवायु मंत्रालय ने सभी चिड़ियाघरों, पार्क और सेंचुरी को बंद करने का निर्देश दिया है.
नेहरू जूलॉजिकल पार्क के अधिकारियों ने शेरों का सैंपल लेने के लिए पहले उन्हें बेहोशी की दवा देकर सुला दिया. इसके बाद उनके नाक, गले और रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट से स्वैब निकाला. ये सैंपल तब लिए गए जब ये सारे शेर सांस लेने के मामले में दिक्कत महसूस कर रहे थे. ये ज्यादा छींक रहे थे और हांफ रहे थे.
CCMB की जांच में पता चला है कि इन आठों शेरों में चिंता पैदा करने वाला संक्रमण नहीं है. क्योंकि इनके शरीर में कोरोना का कोई नया वैरिएंट नहीं है. इन शेरों के खाने-पीने में कोई कमी नहीं है. इनकी दवाइयां चल रही हैं. ये सामान्य व्यवहार कर रहे हैं. चिड़ियाघर के कर्मचारियों के लिए सभी सुरक्षात्मक कदम उठा लिए गए हैं. साथ ही उन्हें कुछ गाइडलाइंस दी गई है, जिनका पालन करने को कहा गया है.
सेंट्रल जू अथॉरिटी (Central Zoo Authority) ने भी हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क को गाइडलाइंस भेजी हैं. साथ ही ये भी बताया है कि इस समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं. फिलहाल चिड़ियाघर को बंद कर दिया गया है. यहां आम लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
इन शेरों की सेहत और निगरानी के लिए इंडियन वेटरीनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (IVRI) उत्तर प्रदेश, सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी की लेबोरेटरी फॉर कंजरवेशन ऑफ एनडेंजर्ड स्पीसीज (CCMB-LaCONES) लगातार नजर बनाए हुए हैं.
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