जयपुर. राजस्थान प्रशासनिक सेवा (Rajasthan Administrative Service) में चयनित युवाओं को बधाई देने में राजस्थान के नेता अफसरों ने प्रतिभा को जातिवाद और क्षेत्रवाद में बांट दिया. राज्य के चर्चित आईएएस अधिकारी और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने एक व्हाट्सएप ग्रुप पर एक जाति के सफल अभ्यर्थियों की सूची डालकर बधाई दी, जिससे वह चर्चा में आ गए. किसी ने इसे शर्मनाक बताया तो किसी ने जातिवाद को बढ़ावा देने वाली हरकत. उनकी बधाई के स्क्रीनशॉट्स लेकर सोशल मीडिया पर डाल दिए गए. किसी ने लिखा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव रहते जातिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं.
सोशल मीडिया पर किसी ने लिखा डॉ. समित सिर्फ आईएएस नहीं एक रोल मॉडल हैं. उन्हें बरसों से हाशिये पर खड़ी अपनी जाति को बढ़ने/पढ़ने की प्रेरणा देनी ही चाहिये. वरना कोई जातीय सेना उनके बच्चों को भी गुमराह करेगी. किसी ने लिखा-जातीय भाव गुण है जो सब में होता है. कोई दिखाता है, कोई छुपाने के ढोंग करता है. इसमें कुछ गलत नही है. समित शर्मा ने सही बात रखी.
सोशल मीडिया पर किसी ने लिखा RAS तो बहुतेरे बने हैं, लेकिन IAS समित शर्मा ने इनमें स्वजातीय ढूंढ लिए हैं. इस अदा पर हरिशंकर परसाई ने लिखा है- "कुछ रोग रोगी को प्रिय हो जाते है, जैसे दाद का रोग. दाद खुजलाने में मजा आता है. जातियों को भी दाद हो जाती है, जिसका वे इलाज न करके उसे खुजलाने का मजा लेने लगती हैं." हालांकि, सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट को लेकर बवाल तो खूब मजा लेकिन समित शर्मा का कोई जवाब नहीं आया.
नवलगढ़ विधायक राजकुमार शर्मा ने अपने एरिया के सफल अभ्यर्थियों को बधाई देकर क्षेत्रवाद कर दिया तो आईएएस समित शर्मा ने अपने जाति विशेष के सफल अभ्यर्थियों को बधाई देकर जातिवादी होने का परिचय दिया. कुछ अन्य नेताओं के अफसरों को बधाई संदेश देने में भी संकीर्णता नजर आई, जिस पर विरोध भी झेलना पड़ा. कई जगह विरोध भी नहीं हुआ लेकिन अपने-अपने RAS बांटने से गलत मैसेज गया. सोशल मीडिया पर बधाई हो का पुरजोर विरोध हुआ, कई ग्रुपों ने व्हाट्सएप पर एक दूसरे कर टिप्पणी कर दी जिससे टकराव की स्थिति पैदा हो गई.