नकली हीरे और ज्वेलरी मामले में मेहुल चोकसी के खिलाफ एक और मामला दर्ज
दिल्ली। केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने 13500 करोड़ के पीएनबी घोटाले में आरोपी मेहुल चोकसी के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया है. अधिकारियों के मुताबिक, मेहुल चोकसी ने आईएफसीआई से हीरे और ज्वेलरी की कीमत अधिक बताकर इन्हें गिरवी रखकर 25 करोड़ रुपए का लोन लिया था. सीबीआई ने इस मामले में मेहुल चोकसी, उनकी कंपनी गीतांजलि जेम्स और सूरजमल लल्लू भाई एंड कॉ, नरेंद्र जावेरी, प्रदीप सी शाह और श्रेनिक शाह के खिलाफ केस दर्ज किया है.
दरअसल, सीबीआई ने यह कार्रवाई आईएफसीआई की शिकायत पर की है. आईएफसीआई ने अपनी शिकायत में कहा है कि मेहुल चोकसी ने हीरे और ज्वेलरी गिरवी रखकर 25 करोड़ रुपए का वर्किंग कैपिटल लोन लिया था. शिकायत के मुताबिक, चार अलग-अलग मूल्यांकनकर्ताओं ने इस ज्वेलरी की कीमत 34-45 करोड़ रुपए बताई थी. इसके बाद आईएफसीआई ने चोकसी को लोन दे दिया. जबकि कंपनी ने लोन नहीं चुकाया तो आईएफसीआई ने गिरवी रखे शेयरों और आभूषणों से भरपाई करना शुरू किया.
आईएफसीआई ने 20,60,054 गिरवी रखे शेयरों में से 6,48,822 शेयर बेचकर 4,07 करोड़ रुपये की वसूली की. हालांकि, कंपनी बाकी शेयर नहीं बेच सकी, क्योंकि एनएसडीएल ने मेहुल चोकसी की क्लाइंट आईडी को ब्लॉक कर दिया था. इसके बाद जब आईएफसीआई ने गिरवी रखे सोने, हीरे और ज्वेलरी से लोन की भरपाई की कोशिश की, तो पता चला कि इनकी कीमत मूल्यांकन से करीब 98% कम थी. हाल ही में किए मूल्यांकन में पता चला कि गिरवी रखी ज्वेलरी और हीरे की कीमत 70 लाख रुपये से लेकर दो करोड़ रुपये के बीच है.
ताजा मूल्यांकन में पता चला कि हीरे निम्न स्तर के थे और लैब में तैयार किए गए थे और गिरवी रखे रत्न भी असली नहीं थे. 30 जून 2018 को IFCI ने लोन को नॉन परफार्मिंग एसेट घोषित कर दिया. इस मामले में सीबीआई ने मूल्यांकन करने वाले आरोपियों के कोलकाता, मुंबई समेत 8 ठिकानों पर छापेमारी की है. सीबीआई ने दस्तावेजों को भी जब्त कर लिया है.