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सांसदों के हंगामे से नाराज लोकसभा अध्यक्ष ने लगातार दूसरे दिन भी नहीं किया सदन का संचालन

jantaserishta.com
3 Aug 2023 6:56 AM GMT
सांसदों के हंगामे से नाराज लोकसभा अध्यक्ष ने लगातार दूसरे दिन भी नहीं किया सदन का संचालन
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नई दिल्ली: सदन में सांसदों के हंगामे से नाराज लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी सदन की कार्यवाही का संचालन नहीं किया। गुरुवार को सुबह 11 बजे लोक सभा की कार्यवाही शुरू होने पर सदन का संचालन करने के लिए पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल सदन में आए।
उन्होंने जैसे ही सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू की, लोक सभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सदन में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को बुलाने की मांग करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही जब शुरू हो तो पीठासीन के पद पर वे स्पीकर साहब ( ओम बिरला) को देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पूरा सदन स्पीकर का मुरीद है और सब उन्हें सदन शुरू होने पर पीठासीन देखना चाहते हैं। अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि स्पीकर हमारे कस्टोडियन है, उनको बुलाकर पद पर बैठाइए, जो भी मसला है, हम आपस में समाधान कर लेंगे।
हालांकि इसके बावजूद मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग को लेकर सदन में विरोधी दलों के सांसदों का हंगामा और नारेबाजी आज भी जारी रहा जिसकी वजह से गुरुवार को भी सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही सुचारू ढंग से नहीं चल पाई और सदन की कार्यवाही को दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। आपको बता दें कि, लोक सभा के अंदर सांसदों द्वारा लगातार वेल में आकर नारेबाजी करने, हंगामा करने और सदन की कार्यवाही के लाइव प्रसारण के दौरान टीवी पर दिखाने की मंशा से सदन में मंत्रियों के सामने प्लेकार्ड लहराने से नाराज लोक सभा अध्यक्ष ने बुधवार को भी सदन की कार्यवाही का संचालन नहीं किया था।
बुधवार को सुबह 11 बजे लोक सभा की कार्यवाही शुरू होने पर सदन की कार्यवाही का संचालन पीठासीन सभापति मिधुन रेड्डी ने किया तो वहीं दोपहर बाद 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन सभापति किरीट प्रेमजी भाई सोलंकी सदन को चलाते नजर आए। आपको बता दें कि, वर्तमान लोक सभा में अभी तक सदन का उपाध्यक्ष नहीं चुना गया है इसलिए स्पीकर की अनुपस्थिति में पीठासीन सभापति के पैनल में शामिल लोक सभा सांसद ही सदन की कार्यवाही का संचालन करते हैं।
बताया जा रहा है कि, लोक सभा अध्यक्ष ने सांसदों के व्यवहार को लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं से अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है और इसे व्यक्त करने के लिए ही बिरला दो दिन से सदन में नहीं आ रहे हैं।
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