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पटना। प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वधान में आज पटना स्थित होटल चाणक्य में नई शिक्षा नीति पर आधारित एक दिवसीय राज्य स्तर सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसका उद्घाटन विधिवत रूप से विकास वैभव आईपीएस आईजी होम गार्ड्स एंड फायर सर्विसेज, शमायल अहमद राष्ट्रीय अध्यक्ष प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन, तमल् मुखर्जी सीईओ नालंदा लर्निंग, देश के जाने माने लेखक मनोज कायरा, एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष फादर पीटर, राष्ट्रीय सचिव मार्वेन कॉवेल, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डॉक्टर एसपी वर्मा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉक्टर श्याम नारायण क़ुवर्, एवं डॉक्टर मधुकर जा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन एवं नालंदा लर्निंग ने संयुक्त रूप से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को साकार करने हेतु नई शिक्षा नीति को स्थापित करने एवं उसकी गति मे तीव्र वृद्धि लाने हेतु बीड़ा उठाया है। जिसके अंतर्गत बिहार के सभी 38 जिलों में 1000 प्रीस्कूल कि स्थापना की जाएगी जिसके माध्यम से छात्रों को नई शिक्षा प्रणालियों द्वारा प्रारंभिक आयु में गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा प्रदान की जाएगी।
इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि विकास वैभव ने अपने अभिभाषण में प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन,नालंदा लर्निंग एवं टायरसन द्वारा उठाए गए इस बीडे की भूरी भूरी प्रशंसा की एवं उन्होंने एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद की प्रशंसा करते हुए कहा कि इनके नेतृत्व में सदैव ही एसोसिएशन ने केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र मे उठाए गए हर उस प्रस्ताव का स्वागत किया है जो छात्रों के उज्जवल भविष्य एवं विकास के लिए उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण होता है। इस मौके पर नालंदा लर्निंग के सीईओ तमल मुखर्जी ने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाली प्रारंभिक बचपन की शिक्षा बच्चों को जीवन में सबसे अच्छी शुरुआत देती है। यह सीखने और विकसित होने के महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। प्रारंभिक बचपन की शिक्षा आपके बच्चे को दोस्त बनाने, स्वतंत्रता विकसित करने और नई दिनचर्या सीखने में मदद कर सकती है। यह स्कूल में उनके संक्रमण का भी समर्थन करता है। सम्मेलन के मुख्य वक्ता दिल्ली से आए जाने-माने लेखक मनोज कायरा ने अपनी बातें रखते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कक्षा 1 से 5 तक नई तकनीकों के साथ पाठ्यक्रम अनिवार्य हो गया है अत: अब छात्रों को होम ट्यूशन की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि किताबों के अंदर कई प्रकार के एक्सरसाइज दिए गए हैं जिसे स्कूल में ही पढ़ाया जाएगा जो बच्चों के लिए उपयुक्त होगा।

Shantanu Roy
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