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पहली महिला ऑटो ड्राइवर हैं अनीता, जज्बे को DIG ने किया सलाम, घर में है परेशानियां

jantaserishta.com
14 Dec 2021 6:05 AM GMT
पहली महिला ऑटो ड्राइवर हैं अनीता, जज्बे को DIG ने किया सलाम, घर में है परेशानियां
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झांसी: कई बार रिश्तों को निभाने और खुद को साबित करने के लिए मुश्किल हालातों का सामना करके कई महिलाएं मिसाल बन जाती हैं. ऐसी एक महिला की कहानी हम आज आपको बता रहे हैं, जिसने अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए झांसी की सड़कों पर टैक्सी चलाना शुरु कर दिया है. उसका नाम है अनीता चौधरी. अनीता बुंदेलखंड की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर हैं.

अनीता चौधरी की इस हिम्मत को देखते हुए झांसी के डीआईजी जोगेंद्र सिंह ने उसे पुरस्कार देकर सम्मानित किया. झांसी की सड़कों पर टैक्सी चलाने वाली अनीता चौधरी झांसी के तालपुरा में रहती हैं. अनीता चौधरी ने बताया कि उनकी उम्र लगभग 36 वर्ष है. अनीता चौधरी की साहस की जितनी तारीफ की जाये वह कम होगी.
अनीता चौधरी ने बताया कि उसकी शादी 1999 में हुई थी. उसके पति कोई काम नहीं करते हैं, इसलिए परेशान होकर वह आगे आई और खुद काम करके अपना परिवार चलाती है. अनीता का कहना है कि शादी के बाद वह काम करने घर से बाहर निकली और समाज की परवाह न करते हुए ईमानदारी व लग्न से एक डिस्पोजल फैक्ट्री में काम करने लगी.
करीब 10 साल काम किया. सुपरवाइजर से कहासुनी होने पर उसने प्रण लिया कि वह स्वयं का काम करें, किसी की नौकरी नहीं. अनीता चौधरी ने झांसी शहर की सड़कों पर टैक्सी चलाने की ठानी और किसी की परवाह न करते हुए एक सीएनजी टैक्सी फाइनेंस करा कर स्वयं झांसी के महानगर की सड़क पर चलाने का काम प्रारंभ कर दिया.
पहले जब वह टैक्सी लेकर सड़क पर निकली तो समाज ने इसका विरोध किया, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और आज वह टैक्सी चलाकर काफी खुश है. अनीता का कहना है कि वह अब इस काम से बहुत खुश है. सुबह से लेकर शाम तक टैक्सी चलाकर 700 से लेकर 800 कमा कर अपने पति व तीन बच्चों का भरण पोषण करती है.
अनीता का कहना है कि घर की परेशानी के कारण मैने एक ऑटो फाइनेंस कराकर चलाना शुरू किया, लोगों ने बहुत ताने मारे और मैं घर आकर रोती थी, लेकिन किसी को अपने आंसू नहीं दिखाए, मेरे छोटे बेटे ने मेरा बहुत साथ दिया, अब मैं महिलाओ से कहती हूं कि महिलाएं अपने आपको कम न समझे, ट्रैफिक पुलिस मेरा हमेशा साथ देती है.
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