नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने उपमुख्यमंत्री सीएम मनीष सिसोदिया पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि यह चौंकाने वाली बात है कि मनीष सिसोदिया ने सीबीआई की पूछताछ से बचने के लिए बजट में व्यस्तता का बहाना बनाकर सबूतों से छेड़छाड़ के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है जबकि उनको शराब घोटाले पर सीबीआई की एफआईआर में नंबर वन आरोपी के रूप में नामित किया गया था।
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने कथित तौर पर उनके निजी सचिव से पूछताछ के बाद करोड़ों रुपये के घोटाले में उनके खिलाफ पुख्ता सबूत एकत्र किए हैं और उन्हें पूछताछ से बचने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी। अनिल चौधरी ने कहा कि जब सीबीआई ने शराब घोटाला मामले में दो महीने पहले अदालत में दायर चार्जशीट से सिसोदिया का नाम हटा दिया था तो उन्होंने तब ही आगाह किया था कि आरोप में नामजद 7 लोगों में से मनीष सिसोदिया का नाम बाहर करने का जांच पर उल्टा असर होगा। अनिल कुमार ने कहा कि जब संशोधित शराब नीति के कार्यान्वयन में कोई भ्रष्टाचार और अनियमितता नहीं थी और जैसे ही उपराज्यपाल ने दिल्ली कांग्रेस की शिकायत पर शराब घोटाले की जांच का आदेश दिया
तो केजरीवाल सरकार ने नई शराब नीति को क्यों रद्द कर दिया? उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि अगर मंत्री सत्येंद्र जैन को धनशोधन के एक मामले में करीब सात महीने तक जमानत से वंचित रखा जा सकता है तो सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय सिसोदिया को खुलेआम घूमने कैसे दे रही क्योंकि उन्होंने हजारों करोड़ की धोखाधड़ी की है? कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मनीष सिसोदिया केवल सिर्फ शराब घोटाला में शामिल नहीं हैं बल्कि उन्होंने क्लास रूम निर्माण शौचालय परिसर निर्माण आदि में भी करदाताओं के पैसे में हेराफेरी की है। अनिल कुमार ने सिसोदिया के इस्तीफे की मांग की और कहा कि सिसोदिया को क्लीन चिट मिलने तक मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।
