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नाराज़ विधायक विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा वापस लिया

Shantanu Roy
28 Feb 2024 4:46 PM GMT
नाराज़ विधायक विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा वापस लिया
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हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार बुधवार को अपनी सत्ता बरकरार रखने में कामयाब रही। नाराज विधायक विक्रमादित्य सिंह ने अब अपना इस्तीफा भी वापस ले लिया है। साथ ही सरकार राज्य का बजट भी सफलता के साथ पास करा ले गई। कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल प्रदेश के PWD मंत्री पद से अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह साफतौर से इस्तीफा वापस लेने का ऐलान तो नहीं किया, लेकिन सुक्खू सरकार के खिलाफ अपना नरम रुख अपना लिया। उन्होंने मीडिाय से बात करते हुए कहा, "इस्तीफा वापस लेने और जब तक पर्यवेक्षकों की बातचीत और कार्रवाई पूरी न हो जाए, तब तक इस्तीफे पर जोर न देना, दोनों में अंतर है। हमने पर्यवेक्षकों से बात की है। हमने उन्हें वर्तमान स्थिति के बारे में सूचित कर दिया है। जब तक कोई निर्णय नहीं हो जाता, मैं अपने इस्तीफे पर जोर नहीं दूंगा। आने वाले समय में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।”
वहीं कांग्रेस सांसद और पार्टी के हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा, "शिमला आए हमारे पार्टी पर्यवेक्षक पार्टी विधायकों से बात कर रहे हैं और उनकी राय ले रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने PCC चीफ से मुलाकात की और विक्रमादित्य सिंह से भी मुलाकात की। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि वह उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं करेंगे और वह इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि वह इस्तीफा देने के अपने फैसले पर दबाव नहीं डालेंगे।" वहीं हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा वीरभद्र सिंह ने कहा, "आप सभी जानते हैं कि सरकार बनने के बाद कुछ चीजें ठीक नहीं चल रही थीं। हमने इसे सुलझाने के लिए पार्टी आलाकमान को इस बारे में सूचित किया था। एक साल से ज्यादा समय बीत गया, लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया गया और जिसके कारण हमें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने आगे कहा, "विक्रमादित्य सिंह ने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है और उन्होंने कहा है कि मैंने इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने इसे स्वीकार नहीं किया है। यह उन लोगों के लिए है, जो पर्यवेक्षक के रूप में आए हैं। यह उन्हें तय करना है कि इसके बारे में क्या करना है... देखते हैं क्या होता है।" बता दें कि विक्रमादित्य सिंह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और मौजूदा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे हैं। हिमाचल में कांग्रेस सरकार पर संकट बना हुआ है। 6 कांग्रेसी विधायकों की क्रॉस वोटिंग से राज्यसभा सीट हारने के बाद कांग्रेस में खींचतान सरकार जाने तक पहुंच गई है। CM सुखविंदर सुक्खू का मुख्यमंत्री पद छिन सकता है। उधर, कांग्रेस आलाकमान ने स्थिति को संभालने के लिए डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है। वे शाम को करीब 5 बजे शिमला पहुंचे। पर्यवेक्षकों ने सिसिल होटल में एक-एक विधायक से मिलकर उनकी राय ली। वे कल (गुरुवार को) अपनी रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को भेजेंगे। पर्यवेक्षकों से मिलने के बाद मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने 9.30 घंटे बाद अपना इस्तीफा वापस ले लिया।
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