पंजाब। खालिस्तान समर्थक और भगोड़े अमृतपाल सिंह ने सरेंडर कर दिया है. वह कई दिनों से फरार चल रहा था. सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल ने पंजाब की मोगा पुलिस के सामने सरेंडर किया है. कहा जा रहा था कि वो वैशाखी के मौके पर सरेंडर करेगा, लेकिन उसने सरेंडर नहीं किया. पंजाब पुलिस ने देशभर में नेपाल बॉर्डर तक ऑपरेशन चलाए.
पंजाब पुलिस के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं. इससे पहले पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने भी पंजाब पुलिस को फटकार लगाई थी कि जब उसके साथियों को पकड़ लिया गया तो अमृतपाल तक पुलिस कैसे नहीं पहुंच पाई. अब बताया जा रहा है कि अमृतपाल ने सरेंडर कर दिया है. अमृतपाल बीते कई दिनों से फरार चल रहा था. उसने सोशल मीडिया के जरिए कई बार वीडियो भी जारी किए.
'Waris Punjab De' chief Amritpal Singh arrested by Punjab Police from Moga district of Punjab: Sources
— ANI (@ANI) April 23, 2023
Amritpal Singh was on the run since March 18. pic.twitter.com/ks9IOJIWIc
इससे पहले पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के करीबी पप्पलप्रीत को अमृतसर से गिरफ्तार किया था. पंजाब पुलिस को उसने बयान दिया था कि उसे अमृतपाल के बारे में जानकारी नहीं है. उसने कहा, 'अमृतपाल आत्मसमर्पण करेगा या नहीं, ये मुझे नहीं पता है.' पप्पलप्रीत ने स्पष्ट किया कि हम 28 मार्च की रात को ही अलग हो गए थे. पप्पलप्रीत की गिरफ्तारी के बाद इसके चांस बढ़ गए थे कि अमृतपाल भी अब अधिक दिन नहीं रुकेगा और आत्मसमर्पण करेगा.
अमृतपाल सबसे पहले 23 फरवरी को चर्चा में आया था. उसने अजनाला पुलिस स्टेशन में अपने करीबी को छुड़ाने के लिए हजारों समर्थकों के साथ हमला बोल दिया था. इस हमले में 6 पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे. इसके बाद उसने कई टीवी चैनलों में दिए इंटरव्यू में अलग खालिस्तान की मांग की थी. इतना ही नहीं अमृतपाल ने देश के गृह मंत्री अमित शाह को भी धमकी दी थी. अमृतपाल की तुलना खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले से भी की जा रही है.
23 फरवरी को अमृतपाल और उसके संगठन वारिस पंजाब दे से जुड़े लोगों ने अजनाला पुलिस थाने पर हमला कर दिया था. अमृतपाल और उसके समर्थकों के हाथ में तलवार, लाठी-डंडे थे. ये पूरा बवाल आठ घंटे तक चला था. ये बवाल अमृतपाल के समर्थक लवप्रीत तूफान की रिहाई को मांग को लेकर हुआ था. लवप्रीत तूफान को पुलिस ने बरिंदर सिंह नाम के शख्स को अगवा और मारपीट करने के आरोप में हिरासत में लिया था. हालांकि, बवाल के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया था. 23 फरवरी की इसी घटना के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया था.