पश्चिम बंगाल में हिंसा के बीच राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अर्जी दाखिल कर गुहार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर गुहार लगाई गई है कि वेस्ट बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। ऐसे में वहां पर राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। दरअसल एक एनजीओ की ओर से गुहार लगाई गई है कि केंद्र को कहा जाए कि वो अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल करे और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। सुप्रीम कोर्ट में एनजीओ इंडिक कलेक्टिव ट्रस्ट की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि चुनाव के बाद हुई कॉउंटिंग के बाद टीएमसी वर्करों ने बीजेपी मेम्बरों के साथ बड़े पैमाने पर हिंसा की है। राज्य में संवैधानिक तंत्र खत्म हो चुका है।
A petition has been filed in the Supreme Court seeking directions to the Centre to deploy central protection forces, including armed forces, for the restoration of law and order in West Bengal. pic.twitter.com/beCOmwHjkH
— ANI (@ANI) May 4, 2021
इससे पहले, दिन में वरिष्ठ अधिवक्ता और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर की थी। इसमें चुनाव प्रक्रिया के दौरान और उसके बाद राज्य में हिंसक घटनाओं की सीबीआई जांच का अनुरोध किया गया है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पार्टी इस ने पश्चिम बंगाल की सत्ता में वापसी की है। यह नई याचिका पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में व्यापक हिंसा और कानून-व्यवस्था को बाधित करने के मद्देनजर तमिलनाडु के 'इंडिक कलेक्टिव ट्रस्ट' ने वकील सुविदत्त एम एस के माध्यम से दायर की है।