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महिला को अमेरिकी पिज्जा कंपनी ने नॉनवेज पिज्जा की डिलिवरी...नाराज होकर कंपनी से मांगा 1 करोड़ का मुआवजा
jantaserishta.com
13 March 2021 6:22 PM GMT
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फाइल फोटो
दिल्ली की एक वेजिटेरियन महिला को एक अमेरिकी पिज्जा कंपनी ने नॉनवेज पिज्जा की डिलिवरी कर दी। इससे नाराज महिला ने कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता अदालत का रुख किया और एक करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की है। दीपाली त्यागी ने अपनी याचिका में दावा किया है कि वह अपनी "धार्मिक मान्यताओं, शिक्षाओं, पारिवारिक परंपराओं, खुद के विवेक और अपनी पसंद" के कारण शुद्ध शाकाहारी हैं।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहने वाली दीपाली ने याचिका में कहा है, ''मैंने 21 मार्च, 2019 को पिज्जा आउटलेट से शाकाहारी पिज्जा के लिए ऑर्डर दी थी। उस दिन होली का दिन था। मैं और मेरे बच्चे त्योहार मनाने के बाद भूखे थे। कंपनी ने 30 मिनट में डिलीवरी करने के समय सीमा के विपरीत पिज्जा की देर से डिलिवरी की। हालांकि, मैंने इसे अनदेखा कर दिया। पिज्जा का एक टुकड़ा जैसे ही मैंने खाया तो मुझे महसूस किया कि यह एक मांसाहारी पिज्जा है। पिज्जा में मशरूम के बजाय मांस के टुकड़े थे।''
वकील फरहत वारसी ने उपभोक्ता अदालत को बताया कि दीपाली ने तुरंत कस्टमर केयर पर फोन किया। उनकी इस लापरवाही की शिकायत की कि शुद्ध शाकाहारी लोगों के घर में नॉन-वेज पिज्जा पहुंचाया गया है।
दीपाली का आरोप- कंपनी ने दी उसे स्थायी मानसिक पीड़ा
दीपाली के मुताबिक, इसके बाद 26 मार्च, 2019 को एक व्यक्ति जिसने खुद को पिज्जा आउटलेट के जिला प्रबंधक बताया, ने दिपाली को फोन किया और पूरे परिवार को नि: शुल्क पिज्जा की सेवा देने का प्रस्ताव दिया। हालांकि, दीपाली ने उसे फिर से कहा कि यह एक साधारण मामला नहीं है। कंपनी ने उनकी धार्मिक प्रथाओं को बिगाड़ दिया है। इस घटना ने एक स्थायी मानसिक पीड़ा दी है, जिससे उसे लंबे समय तक गुजरना होगा। इसके लिए उसे महंगे अनुष्ठान करने होंगे, जिसके लिए लाखों रुपए खर्ड होंगे।
याचिका में कहा गया है कि दीपाली की इस दलील पर पिज्जा आउटलेट के जिला प्रबंधक ने जवाब दिया कि चूंकि वह पैसे के मामले में बातचीत करने के लिए अधिकृत नहीं है, इसलिए वह इस मामले को अपनी कानूनी टीम को सौंप देगा। मुफ्त में पिज्जा परोसने का प्रस्ताव शिकायतकर्ता के सामाजिक और वित्तीय स्थिति का अपमान के अलावा कुछ नहीं था।
याचिका में कहा गया है, "कंपनी के लापरवाहीपूर्ण तरीके ने शिकायतकर्ता के शरीर को दूषित कर दिया है। पिज्जा में जो मांस था उसे किसी जानवर को भगवान द्वारा दिए गए जीवन को समाप्त करने के बाद प्राप्त किया गया था। धार्मिक विश्वास में किसी भी जानवर को मारना और उसका मांस खाना सही नहीं है। शिकायतकर्ता के साथ धोखा हुआ है। कंपनी ने उसकी आत्मा को उसके पूरे जीवन के लिए मानसिक पीड़ा देते हुए घायल कर दिया है।"
दीपाली ने उपभोक्ता अदालत से उसके पक्ष में एक करोड़ रुपये के मुआवजे देने के लिए कंपनी को निर्देश देने की मांग की है। दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने पिज्जा आउटलेट से महिला की शिकायत पर जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।
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