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भारत की जमीन से अमेरिका ने दी चीन को चेतावनी, जाने क्या कहा?

jantaserishta.com
28 July 2021 11:15 AM GMT
भारत की जमीन से अमेरिका ने दी चीन को चेतावनी, जाने क्या कहा?
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नई दिल्ली. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी और लगातार जारी संघर्ष को लेकर कहा कि अमेरिका अभी भी अफगानिस्तान में विकास कार्यों में लगा हुआ है. इसके साथ ही हमारा उद्देश्य संघर्ष का समाधान करने के लिए एक मंच पर लाने का है. ब्लिंकन ने कहा कि "जब हम अफगानिस्तान से अपनी सेना हटा रहे हैं, तब भी हम अफगानिस्तान के साथ बंधे हुए हैं. वहां न सिर्फ हमारा मजबूत दूतावास है बल्कि ऐसे कई जरूरी कार्यक्रम भी हैं जो विकास और सुरक्षा सहायता के जरिए अफगानिस्तान को आर्थिक रूप से समर्थन देते हैं." ब्लिंकन ने कहा कि "हम अफगानिस्तान में संघर्ष के समाधान के लिए पार्टियों को एक साथ लाने के लिए काम करने की कूटनीति में जी-जान से जुटे हुए हैं."

एंटनी ब्लिंकन ने क्वाड को लेकर लगातार सवाल उठा रहे चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि क्वाड क्या है? यह बहुत सरल है लेकिन उतना ही जरूरी है। चार समान विचारधारा वाले देश लोगों के जीवन पर वास्तविक असर डालने वाले मौजूदा समय के कुछ सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों और स्वतंत्र और खुला इंडो-पैसिफिक सुनिश्चित करने को लेकर काम करने के लिए एक साथ आ रहे हैं.


ब्लिंकन ने कहा कि क्वाड कोई सैन्य गठबंधन नहीं है. इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय नियमों और मूल्यों को मजबूत करते हुए क्षेत्रीय चुनौतियों पर मदद पहुंचाना है. ब्लिंकन ने कहा कि हमारे मुताबिक यह क्षेत्र में शांति, समृद्धि, स्थिरता का आधार है.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारत के साथ अमेरिकी संबंधों को लेकर कहा कि हमारे मूल्य अमेरिका और भारत के संबंधों को मजबूत करते हैं. ब्लिंकन ने कहा कि हमारे लोकतंत्र की तरह भारत का लोकतंत्र भी अपने स्वतंत्र विचार वाले नागरिकों द्वारा संचालित है. अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि हम इसकी सराहना करते हैं. उन्होंने कहा कि हम भारतीय लोकतंत्र को एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत और विश्व की रक्षा के लिए एक ताकत के रूप में देखते हैं.
एंटनी ब्लिंकन ने आगे कहा कि हम मानते हैं कि हमारे अपने से शुरू होकर हर एक लोकतंत्र प्रगति पर है. उन्होंने कहा कि जब हमने इन मुद्दों पर चर्चा की, तो मैं इसे विनम्रता के शुरुआती बिंदु से शुरू करता हूं. उन्होंने कहा कि हमने उन चुनौतियों को देखा है जिनका हमारे अपने लोकतंत्र ने सामना किया और आज भी कर रहा है. सभी लोकतंत्रों के लिए इसके एक ही मायने हैं.


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