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भारत को लेकर अमरीका बोला, कोरोना महामारी के दौरान आतंकी हमलों में इजाफा

jantaserishta.com
27 Dec 2021 5:12 AM GMT
भारत को लेकर अमरीका बोला, कोरोना महामारी के दौरान आतंकी हमलों में इजाफा
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फाइल फोटो 

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वॉशिंगटन. अमेरिकी विदेश विभाग (US state department) के आंकड़ों के अनुसार, भारत को कोविड -19 महामारी- (covid-19 pandemic in india), 2020 के पहले वर्ष में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक आतंकी हमलों का सामना करना पड़ा. इनमें से 37% हमले जम्मू और कश्मीर में हुए. डेटा के मुताबिक साल 2020 में 98 देशों में 10,172 आतंकी हमले हुए जो साल 2019 में दर्ज की गई घटनाओं की तुलना में 1,300 अधिक हैं. पिछले साल भारत में आतंकवाद से संबंधित 679 घटनाएं हुईं, जिनमें 567 लोग मारे गए (2020 में आतंकी हमलों में वैश्विक मृत्यु का 2%). अमेरिकी आंकड़ों के मुताबिक 2019 में देश में 655 आतंकी हमले दर्ज किए गए.

भले ही भारत पिछले साल सबसे अधिक आतंकवाद की घटनाओं के लिए शीर्ष 10 देशों की सूची में है लेकिन यह इन हमलों में हताहत होने वाले लोगों के आधार पर यह टॉप टेन की लिस्ट में नहीं था. अफगानिस्तान में 1,722 आतंकवादी हमले हुए वहीं सीरिया में1,322 और डीआर कांगो में 999 में हमले हुए. अमेरिकी आंकड़ों के अनुसार भारत में जिन राज्यों में सबसे अधिक आतंकी घटनाएं हुईं, उनमें जम्मू और कश्मीर में 257 घटनाएं (37.8%), छत्तीसगढ़ में 145 घटनाएं (21.4%) और झारखंड में 69 घटनाएं (10.2%) थीं.
हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में जम्मू-कश्मीर में 244 आतंकी हमले हुए थे. सरकार ने इस डेटा को इस साल 23 मार्च को संसद में साझा किया था. केंद्र ने कहा है कि साल 2019 में 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी आई है और घाटी में प्रमुख आतंकी नेटवर्क को सुरक्षा बलों ने नष्ट कर दिया है. गृह मंत्रालय ने साल 2020 में आतंकी घटनाओं के आंकड़ों में अंतर के बारे में एक सवाल का जवाब नहीं दिया.
अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 'भारतीय सुरक्षा एजेंसियां आतंकवादी खतरों को रोकने में प्रभावी हैं, हालांकि इंट्रा एजेंसी इंटेलिजेंस और सूचना साझा करने में अंतर अभी भी मौजूद है.' अमेरिकी आंकड़ों के अनुसार भारत में हुए आतंकी हमलों में सीपीआई-माओवादी कुल आतंकी हमलों में से 44% के पीछे थे, जबकि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हिजबुल मुजाहिदीन सभी घटनाओं के 6% के लिए जिम्मेदार थे. रिकॉर्ड के अनुसार, 29% आतंकी घटनाएं भारत में किसी भी संगठन ने जिम्मेदार नहीं ली.
अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक समीर पाटिल ने कहा 'महामारी ने दुनिया भर में कई आतंकवादी समूहों को अपनी गतिविधियों को फिर से संगठित करने और मजबूत करने का अवसर दिया क्योंकि पिछले एक वर्ष में कोविड के प्रकोप को रोकने और लॉकडाउन लागू करने पर अधिक ध्यान केंद्रित किया गया. भारत में वामपंथी चरमपंथी समूहों के लिए भी यही कहा जा सकता है.'
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