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दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में गुरुवार को सुपरमून स्ट्रॉबेरीमून का अद्भुत नजारा देखने को मिला. इसम मौके पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने तस्वीर जारी की. नासा ने यह भी बताया कि इस सुपरमून को स्ट्रॉबेरीमून क्यों कहते हैं.
Many cultures name full Moons and while the names differ, we can all agree that June's full Moon is a sweet sight to behold. Whether you call it honey, strawberry, mead, or rose, enjoy the view this evening.🍯🍓🍺🌹
— NASA Moon (@NASAMoon) June 24, 2021
More about Moon phases: https://t.co/zZOl6fVCUo pic.twitter.com/RhanHT3kt8
नासा की तरफ से कहा गया कि कई सभ्यताओं में इसे फुलमून कहते हैं, हालांकि नाम अलग-अलग हैं, हम सब इस बात से सहमत हैं कि जून का फुलमून बेहद प्यारा नजारा होता है. स्प्रिंग का अंतिम फुलमून या फिर समर का पहला फुलमून स्ट्रॉबेरीमून कहा जाता है. इसका नाम इसलिए यह पड़ा क्योंकि इस समय स्ट्रॉबेरी फल की फसल कटने लगती है.
बता दें कि उत्तरी अमेरिका के एल्गोनक्विन आदिवासियों ने इसका नाम स्ट्रॉबेरी मून रखा था. क्योंकि इसी समय उत्तरी अमेरिका में स्ट्रॉबेरी फल को काटने का समय होता है.स्ट्रॉबेरी मून को हॉट मून, हनी मून और रोज मून भी कहा जाता है.
हालांकि नासा की तरफ से कहा गया कि नाम का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि चांद का रंग लाल होता है. हालांकि उगने और डूबने के समय यह लाल रंग का जरूर दिखाई देता है. नासा की तरफ से बताया गया कि चंद्रमा बुधवार की सुबह से लेकर शनिवार की सुबह तक लगभग तीन दिनों तक पूर्ण दिखाई देगा. इस साल स्ट्रॉबेरीमून औसतन फुलमून से ज्यादा नजदीक और बड़ा है. जब भी बड़ा चमकीला चांद नजर आता तो कई बार इसे सुपर मून कहा जाता है.
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