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आकाश में पहली बार बृहस्पति और शनि ग्रह एक साथ, देखें तस्वीरें

HARRY
22 Dec 2020 2:06 AM GMT
आकाश में पहली बार बृहस्पति और शनि ग्रह एक साथ, देखें तस्वीरें
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397 साल बाद आकाश में दोनों ग्रह का मिलन

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ये जो चंद्रमा के पास दिख रहा, क्या वही शनि या बृहस्पति ग्रह है...? अरे ये इतना पास कैसे दिख रहा? सोमवार की शाम विज्ञान केंद्र में पहुंचे लोगों के जेहन में कुछ ऐसे ही सवाल कौंधे, जिनका विज्ञानियों ने जवाब दिया। दरअसल, सोमवार को 397 वर्ष बाद आसमान में ऐसा नजारा दिखा कि शनि व बृहस्पति ग्रह बेहद करीब दिखे। इनके बीच महज 0.1 डिग्री की ही कोणीय दूरी रही। विज्ञान केंद्र में टेलीस्कोप के माध्यम से दर्शकों को उक्त खगोलीय घटना दिखाई गई। केंद्र के निदेशक अमिताभ ने बताया, आसमान साफ होने के कारण लोगों को नंगी आंखों से भी उक्त घटना स्पष्ट दिखाई दी। खगोलीय घटना को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। शाम तक 173 वयस्कों व 38 बच्चों ने उक्त घटना को टेलीस्कोप के माध्यम से देखा।

11 घंटे 28 मिनट की रही रात : निदेशक ने बताया, सोमवार को शीतकालीन संक्रांति हुई। यह संक्रांति साल का वह समय होता है, जब पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्द्ध को सूर्य का प्रकाश ज्यादा मिलता है, जबकि उत्तरी गोलार्द्ध को कम। इस खगोलीय घटना का मुख्य कारण पृथ्वी का अपने अक्ष पर 23.45 डिग्री का झुकाव होता है। शीतकालीन संक्रांति में सूर्य का प्रकाश कम पडऩे के कारण दिन छोटा और रात लंबी होती है। यह घटना अमूमन हर साल 21 या 22 दिसंबर और दक्षिणी गोलार्द्ध में 20 या 21 जून को होती है। इस घटना के कारण रात 11 घंटे 28 मिनट की रही। अब ऐसी घटना 60 साल बाद 15 मार्च 2080 को होगी, लेकिन उसे धरती से लोग नहीं देख सकेंगे। बता दें कि इससे पहले शनि व बृहस्पति ग्रह वर्ष 1623 में इतने करीब आए थे।

हमारे सौरमंडल में आज एक ऐतिहासिक घटना देखने को मिली. सूर्य का चक्कर लगाते हुए दो सबसे बड़े गृह शनि और बृहस्पति एक दूसरे के करीब आ गए. इसे वैज्ञानिकों ने Great Conjunction का नाम दिया है. ऐसा अद्भुत नजारा 800 सालों के बाद देखने को मिला है. आप भी देखें तस्वीरें.

















वैज्ञानिकों के अनुसार सौर्यमंडल में खगोलीय घटनाए होती रहती हैं. लेकिन कुछ ऐसी घटनाए होती हैं जो खगौलिक इतिहास में दर्ज हो जाती हैं.
एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार 1623 में भी सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति और शनि एक दूसरे के इतने क़रीब आए थे, लेकिन उस वर्ष इनके मिलन का समय दिन में था, इसलिए इस खगोलीय घटना को खुली आंखों से देख पाना संभव नहीं था.
दोनों ग्रह इस तरह मिलते जरूर दिखे, लेकिन हकीकत में ये ग्रह एक दूसरे से 73 करोड़ किलोमीटर से भी कहीं ज्यादा दूरी पर परिक्रमा कर रहे थे.
इस खगोली घटना को क्रिसमस स्टार इसलिए कहा गया है, क्योंकि महामिलन के दौरान एक बड़ा सा तारा जैसा दिखाई दिया, जिसे क्रिसमस स्टार कहा गया है. बाइबल के अनुसार प्रभु ईसामसीह के जन्म के दिन पूर्व में क्रिसमस स्टार दिखाई दिया था.
शनि और बृहस्पति हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े दो ग्रह हैं.
उत्तरी गोलार्ध पृथ्वी का आधा उत्तरी भाग है. यह जीरो डिग्री भूमध्य रेखा पर शुरू होता है और उत्तर तक जारी रहता है.
देश और दुनिया के कई हिस्सों में लोगों ने इस अद्भुत नजारे को बाइनोकुलर या टेलिस्कोप से देखा
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