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न्यूज़ क्रेडिट: आज तक
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जम्मू-कश्मीर में शुरुवार की शाम करीब साढ़े पांच बजे अमरनाथ की गुफा के पास बादल फट गया. इसमें 12 लोगों की मौत की खबर है. इसके अलावा कई लोग लापता भी हो गए हैं. हालांकि कितने लोग लापता हुए हैं, इसकी संख्या सामने नहीं आई है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं.
बादल फटने के बाद सैलाब टैंटों के बीच से बहने लगा था, जिसके बाद श्रद्धालुओं के बीच हाहाकार मच गया. इसकी चपेट में कई लोग आ गए थे. राहत और बचाव कार्य में जुटीं टीमें वहां देख रही हैं कि कुछ लोग बह तो नहीं गए. जानकारी के मुताबिक, यहां बालटाल का रास्ते पर भी आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीम लगाई थी. वहां मौजूद सभी लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश की जा रही है. आने वाले समय में श्राइन बोर्ड की ओर से हेल्प लाइन भी जारी किया जाएगा. जिनके परिजन वहां गए हैं, वो उस नंबर से जानकारी ले सकते हैं.
`स्थानीय रिपोर्टर के मुताबिक, आज करीब 8-10 हजार लोग यात्रा में शामिल थे. भक्तों में उत्साह बढ़ा हुआ था. इसी बीच ये घटना हो गई है. रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी के लिए आजतक ने एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल से बात की है. अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से 10 लोगों की मौत हो गई है. अतुल करवाल के मुताबिक, बादल फटने की सूचना मिली थी. एक टीम पवित्र गुफा के पास ही है. हमने आस-पास तैनात टीमों को भी वहां रवाना कर दिया है. उन्होंने कहा कि अभी हम कंफर्म नहीं कर सकते हैं कि कितने लोगों की मौत हुई है. कुल कितने लोगों की मौजदूगी थी, ये भी तय नहीं है.
रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर क्या चुनौती होगी इसको लेकर उन्होंने बताया कि रेस्क्यू को लेकर चुनौती मौसम की है. वहां की भौगोलिक स्थिति और ऊंचाई की भी चुनौती होगी, लेकिन हमारे जवान काफी प्रशिक्षित हैं. उन्हें कोई समस्या नहीं होगी. वहीं एनडीआरएफ हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी या नहीं, इस पर डीजी गढ़वाल ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर राज्य सरकार का होता है. श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड नंबर जारी करेगा. हम उनके साथ काम करेंगे.
रेस्क्यू के बाद लोगों को कहां ले जाया जाएगा, इसके जवाब में उन्होंने बताया कि वहां काफी कैंप हैं, रेस्क्यू के बाद लोगों को वहीं लेकर जाएंगे. पैरामिलिट्री के जवान भी हैं. वहां हैलीपेड भी हैं. घायलों को वहां से भेजा जाएगा. मौसम खराब होने की वजह से घायलों को सुरक्षित यात्रा करवाने के लिए जम्मू कश्मीर की पुलिस भी रहती है. बीएसएफ, सीआरपी की मेडिकल टीमें भी वहां मौजूद हैं.
आईटीबीपी के पीआरओ विवेक पांडेय के मुताबिक, यहां मौजूद श्रद्धालुओं को पहले ही जानकारी दे दी गई थी कि वो वहां से चले जाएं क्योंकि अचानक तेज बारिश होने लगी थी. साथ ही यात्रा को अस्थायी तौर पर रोक दिया गया था. जहां ये घटना हुई है, इसे लोअर होली केव बोलते हैं. बीते साल भी इसी तरह पानी आया था. इसलिए हमारे जवान पहले से ही अलर्ट पर थे.
उन्होंने बताया कि इलाके में कई टैंट बह गए. अभी जानकारी नहीं मिल पाई है कि कितने लोग लापता हैं. जानकारी के मुताबिक, पानी के बहाव के बीच में 30-40 टेंट आ गए थे. हम लोग स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. दरअसल नेटवर्क की भी दिक्कत सामने आ रही है.
वहां कितने लोग थे, इस पर आईटीबीपी के पीआरओ ने बताया कि यहां 80-100 टेंट थे, जिनमें 4-6 लोग हर टेंट में थे. उन्होंने बताया कि वही लोग इसकी जद में आए होंगे, जो संभल नहीं पाए होंगे. उन्हें पहले ही लाउडस्पीकर के द्वारा बता रहे थे कि वो कहीं और चले जाएं.
अमरनाथ गुफा के पास हुई इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "श्री अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से व्यथित हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. राज्यपाल मनोज सिन्हा जी से हालात का जायजा लिया है. बचाव और राहत कार्य जारी है. प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान की जा रही है.
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