भारत

यहां 35 साल से किसानों को श्रद्धांजलि के रूप में जल रही 'अमर किसान ज्योति', जानें बड़ी बातें

jantaserishta.com
10 Feb 2022 4:25 AM GMT
यहां 35 साल से किसानों को श्रद्धांजलि के रूप में जल रही अमर किसान ज्योति, जानें बड़ी बातें
x

सिसौली: यूपी में मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली गांव में स्थित टिकैत परिवार करीब 35 साल से किसानों को श्रद्धांजलि के रूप में 'अमर किसान ज्योति' जला रहा है। किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत ने पहली बार 1 मार्च 1987 को गांव सिसौली स्थित अपने परिवार में ज्योति जलाई थी। लौ के बारे में बात करते हुए, नरेंद्र टिकैत ने बताया, "1 मार्च, 1987 से यह लौ जल रही है। इसे अमर किसान ज्योति कहा जाता है और यह लौ देसी घी से भरी जाती है। इसे महेंद्र सिंह टिकैत ने किसानों के लिए मुद्दा उठाने के लिए शुरू किया था।"

नरेंद्र टिकैत ने कहा कि लौ को बनाए रखने के लिए करीब 1.25 किलो देसी घी का इस्तेमान किया जाता है, जो कि देश भर के कई गांवों से लाया जाता है। किसान 'अमर किसान ज्योति' पर आते हैं और किसान नेता और उनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत को श्रद्धांजलि देते हैं। उन्होंने बताया कि टिकैत परिवार आदर के रूप में लौ के अलावा महेंद्र टिकैत का हुक्का भी हर दिन भरता है।
जयंत ने अमर किसान ज्योति पर महेंद्र सिंह टिकैत को दी श्रद्धांजलि
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले दौर के चुनाव से पहले रविवार को राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के प्रमुख जयंत सिंह ने मुजफ्फरनगर के सिसौली गांव पहुंचे। यहां उन्होंने भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) मुख्यालय का दौरा किया और अमर किसान ज्योति पर महेंद्र सिंह टिकैत को श्रद्धांजलि दी। मालूम हो कि 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए सात चरणों में 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होना है। मतों की गिनती 10 मार्च को होगी।
BKU का किसानों के बीच दबदबा
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर आज को मतदान हो रहा है। यहां उत्तर भारत के प्रभावशाली किसान संगठन भारतीय किसान संघ (बीकेयू) किसानों के बीच काफी दबदबा है। बीकेयू के अध्यक्ष नरेश टिकैत और उसके प्रवक्ता राकेश टिकैत ने विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान लोगों से किसानों के मुद्दों पर मतदान करने की अपील की। नरेश और राकेश टिकैत दिग्गज किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे हैं। नरेश टिकैत बाल्यान खाप के प्रमुख भी हैं।

Next Story