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बाल श्रम, बाल यौन शोषण, बाल भिक्षावृत्ति, बाल विवाह व नशा पर रोकथाम पर दिया विशेष बल.
प्रोबेशन अधिकारी को 15 दिन के अंदर ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण इकाई का गठन करने के दिए निर्देश
बलियाः बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ देवेन्द्र शर्मा ने बुधवार की देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक बाल अधिकार से जुड़े विषयों पर चर्चा की। उन्होंने बाल हित का हमेशा ख्याल रखते हुए बाल श्रम, बाल यौन शोषण, बाल भिक्षावृत्ति, बाल विवाह और नशा पर रोकथाम पर विशेष बल दिया। प्रोबेशन अधिकारी मु. मुमताज को निर्देश दिया कि वात्सल्य योजना के तहत 15 दिन के अंदर ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण इकाई का गठन सुनिश्चित कराएं, ताकि नीचे तक बाल आयोग का हर संदेश पहुंचे। इससे समाज की पांचोें कुप्रथाओं पर अंकुश लगने की दिशा में बड़ा काम होगा।
उन्होंने कहा कि नशा पर अंकुश लगाने के लिए नार्काेटिक्स विभाग व बाल संरक्षण आयोग का संयुक्त अभियान चल रहा है। फिलहाल इस अभियान के तहत महानगरों को लिया गया है। शिक्षक, डॉक्टर, आंगनबाड़ी, आशा, एएनएम, पुलिस जैसे समाज को प्रभावित करने वाले वर्ग को साथ रखके गोष्ठी की जा रही है। जल्द ही यह अभियान प्रत्येक जिलों में भी चलेगा। निश्चित रूप से इसका सकारात्मक परिणाम समाज में देखने को मिलेगा। उन्होंने कड़ाई से निर्देश दिया कि बाल श्रम की शिकायत बिल्कुल नहीं मिलनी चाहिए, अन्यथा इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। अभियान के अलावा भी इस पर लगातार नजर रखा जाए। बैठक में सीएमओ डॉ जयंत कुमार, नगर मजिस्ट्रेट माज अख्तर, जिला कार्यक्रम अधिकारी केएम पाण्डेय, श्रम व पुलिस विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
जिला अस्पताल का किया निरीक्षण
डॉ शर्मा ने गुरूवार की सुबह जिला अस्पताल में कुपोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां भर्ती बच्चों व उनके अभिभावकों से बातचीत कर व्यवस्था का सत्यापन किया। पीकू वार्ड में भी जाकर बच्चों के लिए बने वार्ड की व्यववस्था को देखा। उन्होंने सीएमओ को निर्देश दिया कि यहां हमेशा नजर बनाए रखें। एनआरसी में रसोईघर का भी निरीक्षण कर गुणवत्तापरक भोजन उपलब्ध कराने की बात कही। इसके बाद वन स्टॉप सेंटर का भी जायजा लिया और वहां तैनात कर्मचारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए।
भिक्षा को शिक्षा से जोड़ेंगे
जिला अस्पताल में पत्रकारों से बातचीत में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ शर्मा ने कहा कि बाल भिक्षावृत्ति को शत प्रतिशत रोकने को भी हम प्रतिबद्ध है। बाल भिक्षा को शिक्षा से जोड़ने की पहल की जा रही है। रेस्क्यू के दौरान जो बच्चे मिलते हैं, उन्हें हम मुख्यमंत्री बाल सामान्य योजना से लाभान्वित कर शिक्षित कर रहे हैं। इसके अलावा जेलों में भी जो बच्चे अपनी मां के साथ रह हैं, उनके लिए भी शिक्षा व खेलने कूदने की व्यवस्था पर हमारा विशेष फोकस है।
Nilmani Pal
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