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BIG BREAKING: पानी में जहर मिलाने के आरोप...चुनाव आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा, जानें पूरा अपडेट

jantaserishta.com
28 Jan 2025 3:31 PM GMT
BIG BREAKING: पानी में जहर मिलाने के आरोप...चुनाव आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा, जानें पूरा अपडेट
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नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना के पानी पर हो रही सियासत के बीच चुनाव आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है. इसमें आयोग ने केजरीवाल से उनके द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में सबूत देने को कहा है. इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर अरविंद केजरीवाल कोई ठोस तथ्य और जवाब नहीं देते तो उनके खिलाफ आदेश पारित किया जाएगा, जिसके तहत अलग-अलग धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी. जवाब देने के लिए अरविंद केजरीवाल को बुधवार रात 8 बजे तक का समय दिया गया है.
दरअसल, सोमवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर यमुना के पानी को जहरीला करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि यमुना में हरियाणा से पानी दिल्ली में आता है. भाजपा की हरियाणा सरकार ने यमुना के पानी को जहरीला कर दिया है. हालांकि, दिल्ली जल बोर्ड ने उस पानी को दिल्ली में आने से रोक दिया. भाजपा सरकार ने पानी में ऐसा जहर मिलाया है, जिसे जल उपचार संयंत्रों द्वारा भी साफ नहीं किया जा सकता है. इसकी वजह से दिल्ली के एक तिहाई हिस्से में पानी की किल्लत हो गई है.
केजरीवाल के इस बयान के बाद से दिल्ली में यमुना के पानी को लेकर सियासी बयानबाजी जारी है. बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया. इसके बाद आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला और यमुना के पानी को जहरीला करने का आरोप लगाया. वहीं हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए चुनाव आयोग में शिकायत. साथ ही हरियाणा सरकार केजरीवाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर भी विचार कर रही है.
चुनाव आयोग के साथ बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए दिल्ली सीएम आतिशी ने कहा, "मैंने और पंजाब के सीएम ने चुनाव आयोग के आयुक्तों से मुलाकात की. दिल्ली में पानी के मुद्दे पर चर्चा हुई. हमने चुनाव आय़ोग को बताया कि किस तरह से यमुना में हरियाणा से जो पानी आ रहा है, उसमें अमोनिया का लेवल जहरीले लेवल तक पहुंच गया है. दिल्ली के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट एक से दो पीपीएम तक अमोनिया को ट्रीट कर सकते हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से लगातार अमोनिया का स्तर 4, 5, 6 और 7 पीपीएम तक पहुंच गया है. 7 पीपीएम अमोनिया यानी जहरीला पानी."
उन्होंने आगे कहा कि हमने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि अगर इसी तरह जहरीला पानी आता रहा तो हमारे कई वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बिल्कुल बंद हो जाएंगे. 30 प्रतिशत दिल्ली को पानी नहीं मिलेगा. चुनाव आयोग ने हमें आश्वासन दिया है कि पानी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. लोगों के जीने-मरने से जुड़ा मुद्दा है. चुनाव आयोग ने हमें भरोसा दिलाया है कि दिल्ली के लोगों के हित में जो होगा, हरियाणा का पक्ष भी सुनने के बाद चुनाव आयोग वो फैसला करेगा.
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार पर यमुना नदी में ज़हर मिलाने और दिल्ली में "नरसंहार" का प्रयास करने के आरोप "बेहद आपत्तिजनक, दुर्भाग्यपूर्ण और अवांछनीय" हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा, "पीने ​​के पानी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर ज़हर और नरसंहार के झूठे, भ्रामक, तथ्यहीन आरोप लगाना और दूसरे राज्य सरकार के खिलाफ़ जनता को भड़काने का प्रयास करना न केवल संबंधित राज्यों के लिए बल्कि राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए भी ख़तरा है."
बीजेपी ने मंगलवार को चुनाव आयोग से आग्रह किया कि हरियाणा द्वारा यमुना के पानी में जहर मिलाने के उनके आरोप के लिए उन्हें प्रचार करने से रोका जाए. केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, भूपेंद्र यादव और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सहित भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के तीनों सदस्यों से मुलाकात की और उनसे आप नेता से अपने आरोप वापस लेने और लोगों में दहशत पैदा करने के लिए माफी मांगने को कहा. उन्होंने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी मांग की.
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यहां तक ​​कि पाकिस्तान ने भी युद्ध के दौरान भारत के खिलाफ ऐसा आरोप नहीं लगाया, उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल ने अपनी विफलताओं को छिपाने और दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी की आसन्न हार को भांपने के लिए यह घटिया दावा किया है.
सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि देश के भीतर एक पूर्व मुख्यमंत्री दूसरे मुख्यमंत्री पर ऐसे कृत्य का आरोप कैसे लगा सकता है जो कहीं न कहीं नरसंहार से संबंधित है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने जो कहा है वह अनुचित, गैरजिम्मेदाराना और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है.
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