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स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग गिरने के बाद आरोप-प्रत्यारोप

13 Jan 2024 6:24 AM GMT
स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग गिरने के बाद आरोप-प्रत्यारोप
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शिमला। स्वच्छता सर्वेक्षण से नगर निगम को झटका लगा है। शहर में नगर निगम महा सफाई अभियान चलाता रहा और शहर के नालों सहित जंगलों की भी सफाई की। बावजूद इसके भी नगर निगम 188वें रैंक पर आया। हालांकि पिछली साल नगर निगम शिमला 56वें रैंक पर था। ऐसे में भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस शासित …

शिमला। स्वच्छता सर्वेक्षण से नगर निगम को झटका लगा है। शहर में नगर निगम महा सफाई अभियान चलाता रहा और शहर के नालों सहित जंगलों की भी सफाई की। बावजूद इसके भी नगर निगम 188वें रैंक पर आया। हालांकि पिछली साल नगर निगम शिमला 56वें रैंक पर था। ऐसे में भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस शासित नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं। भाजपा पार्षदों का साफ कहना है कि कांग्रेस शासित नगर निगम का कार्य इसी रैंक से ही पता लग गया है कि शहर में यदि सफाई व्यवस्था ही सही नहीं है तो अन्य कार्यों का क्या हाल होगा। लेकिन कांग्रेस शासित पार्षदों का कहना है कि शहर में आपदा आने के कारण नगर निगम को काफी नुकसान हुआ है इसके कारण ही यह रैंकिंग घटी है। स्वच्छता सर्वेक्षण पर आधुनिक तकनीक से सफाई करने को लेकर भी रैंकिंग दी जाती है लेकिन पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां पर इससे भी नंबर घटे हैं।

वहीं इस बार तो 500 अन्य सिटी भी बढ़ी है उसके हिसाब से यह कोई बड़ी बात नहीं हैं। कांग्रेस शासित पार्षदों का यह भी कहना है कि नगर निगम ने शहर को साफ रखने की कोई कसर ही नहीं छोड़ी है। स्वच्छता सर्वेक्षण किस प्रकार हुआ इसकी जानकारी भी पार्षदों को नहीं है। लेकिन शहरवासियों के लिए तो यह बड़ी बात है कि कांग्रेस शासित नगर निगम में सफाई के खस्ताहाल हैं। उधर, ढली वार्ड के भाजपा पार्षद कमलेश मेहता ने कहा कि कांग्रेस शासित नगर निगम शहर को साफ भी नहीं रख पा रही है। इससे इनके कार्य का चिठ्ठा सामने आ गया है। भाजपा शासित नगर निगम के दौरान सफाई के नाम पर कांग्रेस धरने करती रही है। लेकिन भाजपा शासित नगर निगम ने शहर को साफ रखने के लिए हमेशा कार्य किया है और शहर को 56 वें रैंक पर लाया है। लेकिन कांग्रेस शासित नगर निगम ने इस रैंक को शर्मसार ही कर दिया है। नगर निगम शिमला 188 वें रैंक पर आया है।

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