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सोशल मीडिया पर पेपर लीक होने की सभी खबरें झूठी हैं: सीबीएसई बोर्ड

jantaserishta.com
28 Feb 2023 3:32 AM GMT
सोशल मीडिया पर पेपर लीक होने की सभी खबरें झूठी हैं: सीबीएसई बोर्ड
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| सीबीएसई ने 10वीं 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही गलत सूचनाओं को लेकर पब्लिक अलर्ट जारी किया है। सीबीएसई का कहना है कि पेपर लीक होने की सभी खबर झूठी हैं। बोर्ड ने चेतावनी दी है कि पेपर लीक को लेकर अफवाह फैलाने वाले छात्रों और अन्य लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दसवीं और बारहवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाएं इस वर्ष के लिए शुरू हो गई हैं और 5 अप्रैल, 2023 तक जारी रहेंगी। बोर्ड के मुताबिक उन्होने परीक्षाओं के सुचारू और निष्पक्ष संचालन के लिए विस्तृत व्यवस्था की है। बोर्ड के संज्ञान में आया है कि कुछ असामाजिक तत्व नियमित रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पेपर लीक की अफवाहें फैला रहे हैं। बोर्ड के मुताबिक यह लोग दावा कर रहे हैं कि उनकी पहुंच 2023 परीक्षा के प्रश्नपत्रों तक है। ये व्यक्ति, समूह और एजेंसियां भोले-भाले छात्रों और अभिभावकों को लूटने का इरादा रखते हैं क्योंकि वे ऐसे झूठे दावों के बदले में पैसे की मांग करते हैं।
बोर्ड का कहना है कि इस तरह की गैरजिम्मेदाराना हरकतें छात्रों और जनता के बीच भ्रम और दहशत पैदा करती हैं। बोर्ड फर्जी खबरें और अफवाहें फैलानो वाले इन लोगों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सतर्क और सक्रिय है । सीबीएसई आईपीसी और आईटी अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके फर्जी समाचार प्रसारित करने में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए नियमित रूप से दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (एमएसी) को सूचित कर रहा है।
फर्जी खबरें फैलाने में लिप्त पाए जाने वाले छात्रों व अन्य लोगों के खिलाफ बोर्ड विभिन्न नियमों और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई करेगा। माता-पिता से भी अनुरोध किया जाता है कि वे अपने बच्चों को ऐसी अफवाहों पर विश्वास न करने और ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल न होने के लिए मार्गदर्शन करें जो बोर्ड परीक्षाओं के सुचारू संचालन को बाधित करती हो।
बोर्ड के मुताबिक परीक्षाओं के दौरान ऐसी असत्यापित खबरों और अफवाहों के प्रति जनता को सतर्क किया जाता है और अनुरोध किया जाता है कि वे ऐसी गतिविधियों में भाग न लें या किसी भी तरह के संचार के माध्यम से ऐसी जानकारी का प्रसार न करें ताकि परीक्षाओं की शुचिता को हर कीमत पर बनाए रखा जा सके।
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