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कोलकाता: उपचुनावों में हार के बाद बंगाल भाजपा में कलह खुलकर सामने आ गई। साथी सांसद सौमित्र खान और राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा के बाद, अब भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने भी पार्टी के राज्य नेतृत्व के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने पुराने लोगों के योगदान की अनदेखी के लिए राज्य नेतृत्व की आलोचना की है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष घोष ने भी अपने उत्तराधिकारी सुकांत मजूमदार को पार्टी की राजनीति में "अनुभवहीन" और "नया" करार दिया। उन्होंने कहा, "सुकांत मजूमदार अकेले (पार्टी के लिए नए) नहीं हैं। उन्होंने अभी (भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में) कार्यभार संभाला है। वह अनुभवहीन हैं।"
घोष ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को सब पर ध्यान देना चाहिए और अनुभवी नेताओं को दरकिनार नहीं करना चाहिए। भाजपा के कई वरिष्ठ सदस्यों ने हाल में राज्य इकाई के नेतृत्व पर पार्टी को ''कमियों'' की पहचान करने में विफल रहने के लिए निशाना साधा। घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कथित कुशासन के खिलाफ लड़ने में सक्षम बनने के लिए पार्टी को एकजुट होकर एक ताकत के रूप में काम करना चाहिए।
घोष ने संवाददाताओं से कहा, ''सुकांत मजूमदार तुलनात्मक रूप से नए हैं। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि उन्हें समायोजित होने में समय लग रहा है। हमें सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत है। पार्टी के लिए कई लड़ाइयां लड़ चुके पुराने और अनुभवी नेताओं को दरकिनार नहीं किया जा सकता।''
मजूमदार, जिन्हें पिछले सितंबर में भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, ने हालांकि उनके बयानों पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। इस साल की शुरुआत में पार्टी से निलंबित किए गए भाजपा नेता रितेश तिवारी ने पूर्व में नेतृत्व द्वारा उनकी उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया था।
आसनसोल से टीएमसी के उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा से भाजपा की अग्निमित्र पॉल की 3,00,000 से अधिक मतों से हार ने भाजपा की राज्य इकाई के भीतर अंतर्कलह को उजागर कर दिया है । कोलकाता की बालीगंज सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) को 20,228 मतों के अंतर से हराया। बालीगंज में भाजपा के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा ने हाल में बंगाल इकाई नेतृत्व से कमियों की पहचान करके चीजें दुरुस्त करने का आग्रह किया था और चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो राज्य में पार्टी का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा। हाजरा ने यह भी कहा कि नेतृत्व को ''सब कुछ ठीक है'' का नाटक करने के बजाय चिंता वाले मुद्दों को हल करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
पिछले हफ्ते भाजपा सांसद सौमित्र खान ने भी उपचुनावों में पार्टी की हार पर बंगाल नेतृत्व को आड़े हाथों लिया था और कहा था कि नुकसान की उम्मीद थी, क्योंकि राज्य इकाई का नेतृत्व ''राजनीतिक परिपक्वता से रहित अनुभवहीन नेता'' कर रहे हैं।
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