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अगले एक से दो साल तक रहना होगा अलर्ट, एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टर ने दी चेतावनी

Admin2
19 July 2021 12:21 PM GMT
अगले एक से दो साल तक रहना होगा अलर्ट, एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टर ने दी चेतावनी
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फाइल फोटो 

कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका लगातार बनी हुई है। इस बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों से लगातार सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं। दिल्ली एम्स के मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल ने कहा है कि अगले एक से दो साल तक लोगों को बहुत ज्यादा अलर्ट रहना होगा। खासतौर पर भारत में फेस्टिवल सीजन को देखते हुए और ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहाकि अभी भी दूसरी लहर का असर बाकी है। ऐसे में सावधानी अपनाकर ही इस महामारी से लड़ाई लड़ी जा सकती है।

त्योहारों को लेकर डॉ. नीरज ने कहाकि यह मौके खुशियां बांटने के लिए होते हैं, कोरोना नहीं। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में डॉ. नीरज ने कहा, "अगले एक से दो साल, जब तक कोरोना पूरी तरह से काबू में नहीं आ जाता, हमें ऐसा कोई भी काम नहीं करना है, जिससे हालात बेकाबू हो जाएं।" गौरतलब है कि एक दिन पहले ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अगले 125 दिनों के लिए सतर्क और सावधान रहने को कहा है। धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर लोगों की उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए यह चेतावनी जारी की गई थी।

इससे पहले नीति आयोग के सदस्य डॉ. पीके पॉल भी कह चुके हैं कि देश में अभी भी हर्ड इम्यूनिटी नहीं बनी है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इंफेक्शन फैलाकर हर्ड इम्यूनिटी हासिल की जाए। इसका एकमात्र उपाय है कि ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरती जाए। इसी तरह की चेतावनी, फोर्टिस हॉस्पिटल में पीडियाट्रिक्स विभाग के निदेशक और प्रमुख डॉ. अरविंद कुमार भी जारी कर चुके हैं। उन्होंने कहाकि दूसरी लहर देश में जंगल की आग की तरह फैली थी। इसकी वजह यही थी कि लोगों ने कोरोना प्रोटोकॉल को पूरी तरह से पालन नहीं किया था। इसकी वजह से बड़ी संख्या में मौतें हुईं और तबाही मची।

दूसरी लहर का असर पूरी तरह से खत्म हो जाए और तीसरी लहर आने की आशंका पर लगाम लग सके, इसके लिए विशेषज्ञ लगातार सुझाव दे रहे हैं। सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंस का पालन करना, भीड़भरी जगहों पर जाने से बचना। बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलना। अगर बाहर जाना ही पड़े तो मास्क लगाकर जाना और वैक्सीनेशन कराना वो उपाय हैं, जिनको अपनाकर हम कोरोना से सुरक्षित रह सकेंगे। गौरतलब है कि दूसरी लहर में बड़ी संख्या में मौतें हुई थीं। वहीं अगस्त से सितंबर के बीच तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है।

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