खतरे की घंटी: हिमालय क्षेत्र में 160 भाषाएं विलुप्त होने के कगार पर
उत्तराखंड न्यूज़: पंडित ललित मोहन महाविद्यालय परिसर श्री देव सुमन उत्तराखंड विवि में हिंदी विभाग की ओर से एक दिवसीय सेमिनार आयोजित किया गया. सेमिनार में भाषा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई. वक्ताओं ने कहा कि हिमालय क्षेत्र में 160 भाषाएं विलुप्त होने की कगार पर हैं. उन्होंने सामूहिक रूप से इनके संरक्षण और संवर्द्धन पर जोर दिया. इस दौरान प्रो. सुमिता श्रीवास्तव व प्रो. मुक्तिनाथ यादव की संयुक्त रूप से लिखित पुस्तक एनवायरनमेंट स्टडीज एंड वैल्यू एजुकेशन का विमोचन किया गया.
एक दिवसीय सेमिनार का विषय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बाबत भारतीय ज्ञान परंपरा, भाषाई हिस्सेदारी और समावेशिता रहा. मुख्य वक्ता विवि के कुलपति एनके जोशी, आईआईटी चेन्नई के प्रो. राजेश कुमार, आईआईटी पटना के प्रो. नलिन भारती और गौतम बुद्ध विवि नोएडा के प्रो. ओमप्रकाश रहे. वक्ताओं ने कहा कि दुनिया में भाषाओं में समानता अधिक और असमानता कम है. बताया कि संस्कृत भाषा का विज्ञान है. लिहाजा लोगों को संस्कृत की मौलिक कृतियों का अध्ययन करना चाहिए. इस पर भी जोर दिया कि भारत की समृद्ध ज्ञान परंपरा विलुप्त क्यों हो गई इसका भी अध्ययन हो.
मौके पर प्राचार्य प्रो. महावीर रावत, हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मुक्तिनाथ यादव, प्रो. अधीर कुमार, प्रो. आनंद प्रकाश सिंह, प्रोफेसर कल्पना पंत, प्रोफेसर डीएन तिवारी, डॉ. नूर हसन, डॉ. सुमिता श्रीवास्तव, डॉ. प्रशांत कुमार सिंह, डॉ. कंचनलता सिन्हा, डॉ. हेमंत शुक्ला, डॉ. डीसी गोस्वामी, डॉ. योगेश शर्मा, डॉ. दिनेश शर्मा, डॉ. डीके चौधरी, डॉ. शिखा ममगाईं आदि मौजूद रहे.