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नई दिल्ली: आतंकी संगठन अलकायदा ने देश में कथित ईशनिंदा को लेकर भारतीयों, हिंदुओं और पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उसने मुस्लिम देशों से भारतीयों, भारतीय उत्पादों और अरब देशों में काम कर रहे हिंदुओं का बहिष्कार करने को कहा है.
दरअसल आतंकी संगठन की पत्रिका में प्रकाशित लेखों में से एक में भारत और पीएम मोदी पर निशाना साधा गया है. इसके अलावा बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादित टिप्पणी का जिक्र करते हुए देश में ईशनिंदा विवाद के बारे में बात की गई है. इस लेख में सभी मुस्लिमों और मुस्लिम देशों को भारत के खिलाफ एकजुट होने के लिए कहा है.
कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए मांगी मदद
अलकायदा की पत्रिका में प्रकाशित लेख में लिखा है कि मुस्लिम जगत में चुप्पी की वजह से भारत की हिंदुवादी सरकार ने हद पार कर पैगंबर मोहम्मद का अपमान कर दिया. इसके अलावा अलकायदा ने कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मुसलमानों से मदद मांगी है.
प्रकाशित लेख में आगे कहा गया,'हम इस हिंदू सरकार के खिलाफ एकजुट होने और भारत में अपने भाइयों-बहनों की मदद का आह्वान करता हूं ताकि अल्लाह के दुश्मन हमारे पैगंबर के खिलाफ इस तरह के अपमानजनक अपराध को दोहराने की हिम्मत न कर सकें.
मोदी के समर्थकों में यह रहने देना पैगंबर का अपमान
आगे लिखा-'हम सभी मुसलमानों, विशेष रूप से व्यापारियों को भी भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करने, हिंदू कर्मचारियों की नौकरी छीनने और उन्हें मुस्लिम देशों से बाहर निकालने का आह्वान करते हैं. मोदी के लाखों समर्थकों को पैगंबर के प्रायद्वीप में रहने देना एक अपमान है.' पत्रिका में 9/11 के हाईजैकर्स की तस्वीरें प्रकाशित कर उन्हें हेरो बताया गया है.
सोमालिया में पैर पसार चुका है अलकायदा
पत्रिका में सोमालिया में अलकायदा की मौजूदगी के बारे में भी बताया गया है. लेख में अल-शबाब के पूर्व अमीर अहमद अब्दी गोडाने उर्फ मुख्तार अबू जुबैर का जिक्र किया गया है. गोडेन ने ट्रेनिंग लेकर अफगानिस्तान में लड़ाई की थी. अमेरिका ने इसे वॉन्टेड घोषित कर रखा था. सोमालिया में 1 सितंबर 2014 को अमेरिकी ड्रोन हमले में वह मारा गया था. हालांकि पत्रिका में इस बात का कोई संकेत नहीं दिया गया कि जवाहिरी जीवित है या मर गया.
पिछले हफ्ते SITE इंटेलिजेंस ग्रुप ने बताया था कि अल कायदा ने 35 मिनट की रिकॉर्डिंग जारी की थी. इसमें आतंकी समूह ने दावा किया था कि रिकॉर्डिंग उसके नेता अयमान अल-जवाहिरी की थी. हालांकि इसके बारे में ऐसा माना जा रहा था कि वह अगस्त 2022 में अमेरिकी कार्रवाई में मारा गया था.
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