Ajit pawar ने आज बुलाईं दो बैठकें, विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा
मुंबई mumbai news। लोकसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख अजित पवार ajit pawar गुरुवार को पार्टी के मंत्रियों और विधायकों के साथ अलग-अलग बैठकें करने वाले हैं। इन बैठकों में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी तथा इस साल सितंबर-अक्टूबर में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा होगी। लोकसभा चुनाव में एनसीपी चार सीटों पर चुनाव लड़ी थी जिसमें एकमात्र रायगढ़ सीट पर उसे जीत मिली। बारामती, शिरूर और उस्मानाबाद में उसे हार का सामना करना पड़ा।
Nationalist Congress Party ये बैठकें इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं कि विधायक अमोल मितकारी तथा अन्य पार्टी नेताओं ने राज्य सरकार में सहयोगी दलों भाजपा और शिवसेना पर एनसीपी उम्मीदवारों के पक्ष में पूरी ताकत नहीं झोंकने का आरोप लगाया है। मितकारी और कई अन्य नेताओं ने दावा किया कि भाजपा और शिंदे गुट के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं ने आगे बढ़कर पहल नहीं की जिससे एनसीपी उम्मीदवारों को नुकसान हुआ है।
आज की बैठकों में इस बात पर भी चर्चा होगी कि सहयोगी दलों के साथ कैसे तालमेल बेहतर किया जा सके। साथ ही विधानसभा चुनाव से पहले बिल्कुल जमीनी स्तर पर गठबंधन और सहयोग को मजबूत बनाने की रणनीति पर भी विचार किया जाएगा। पार्टी विधानसभा में 80-90 सीटें मिलने की उम्मीद कर रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने हाल ही में पार्टी की एक बैठक में पवार से कहा है कि वह एनसीपी को विधानसभा में 80-90 सीट देने के वादे की भाजपा को याद दिलाएं, ताकि लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी आखिरी समय पर भ्रम की स्थिति न बने।
भुजबल ने याद दिलाया कि जब जुलाई 2023 में एनसीपी ने महायुति सरकार में शामिल होने का फैसला किया था तो भाजपा ने सहयोगियों का सम्मान करने का वादा किया था। पवार को सबसे बड़ा झटका उनके गृह क्षेत्र बारामति में लगा जहां उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार को अजित पवार की चचेरी बहन और मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले के हाथों हार का सामना करना पड़ा। वैसे तो मुकाबला ननद-भाभी के बीच था, लेकिन वास्तव में इसे अजित पवार बनाम शरद पवार माना जा रहा था। अजित पवार को और चुभने वाली बात यह रही कि सुप्रिया सुले की जीत का अंतर 2019 में इसी सीट पर अजित पवार की जीत के अंतर से भी ज्यादा रहा।पार्टी उम्मीदवार अर्चना पवार को उस्मानाबाद में भी शिवसेना (यूबीटी) के ओमराजे निंबालकर के हाथों हार का सामना करना पड़ा। पूर्व भाजपा नेता अर्चना पवार भाजपा विधान पार्षद राणा जगजीत सिंह पाटिल की बेटी हैं।
पार्टी ने शिरूर में पूर्व सांसद शिवाजी राव अधलराव को टिकट दिया था जो शिवसेना के शिंदे गुट को छोड़कर आये थे। लेकिन यहां की जनता ने मौजूदा सांसद एनसीपी (एसपी) के अमोल कोल्हे को जीत का तोहफा दिया। रायगढ़ में प्रदेश प्रमुख सुनिल तटकरे की जीत पार्टी के लिए एकमात्र राहत भरी खबर रही। उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के अनंत गीते को हराया।