77 साल के हुए अजीत डोभाल, ऐसा रहा RAW एजेंट से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने तक का सफर
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) किसी परिचय के मोहताज नहीं है. आज यानी 20 जनवरी को अजीत डोभाल का 77वां जन्मदिन है. सर्जिकल स्ट्राइक के मास्टर माइंड माने जाने वाले अजीत डोभाल को इंडियन जेम्स बॉन्ड के नाम से भी जाना जाता है. उनकी राष्ट्र भक्ति लाखों युवाओं के लिए प्रेरणादायक है. यहां उनके पढ़ाई और करियर पर एक नजर डालेंगे.
अजीत डोभाल का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में 20 जनवरी, 1945 को हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पूरी की थी. स्कूल के दिनों से ही उनमें सेना के अनुशासन की समझ है. स्कूल पूरा करने के बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे आईपीएस की तैयारी में लग गए.
कड़ी मेहनत के बल पर वे केरल कैडर से 1968 में आईपीएस के लिए चुन लिए गए. आईपीएस अधिकारी रहे डोभाल 1972 में खुफिया एजेंसी RAW से जुड़ गए. उन्होंने पाकिस्तान में 7 साल तक अंडर कवर एजेंट के रूप में भी काम किया. 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण हुआ था. इसे बाद में कंधार ले जाया गया था. उस समय अजित डोभाल ने तालिबान के साथ बातचीत में काफी अहम भूमिका अदा की थी. साल 2005 में एक तेज तर्रार खुफिया ऑफिसर के रूप में स्थापित अजीत डोभाल इंटेलीजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर पद से रिटायर हो गए. इसके बाद साल 2009 में अजीत डोभाल विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के फाउंडर प्रेसिडेंट बने. इस दौरान न्यूज पेपर में लेख भी लिखते रहे.
30 मई, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत डोभाल को देश के 5वें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किया. इससे पहले शिवशंकर मेनन भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे. पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान अजीत डोभाल सबसे ज्यादा चर्चा में आए. उत्तराखंड के साधारण गढ़वाली परिवार में जन्मे अजीत डोभाल को हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी, श्रीनगर ने 7वें दीक्षांत समारोह के मौके पर डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है.