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AIUDF विधायक का दावा- औरंगजेब ने सैंकड़ों मंदिरों के लिए दी थी जमीन, कामाख्या मंदिर भी ऐसे बना, सीएम की चेतावनी
jantaserishta.com
8 Dec 2021 6:26 AM GMT
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नई दिल्ली: मुगल शासक औरंगजेब को कट्टरता के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन असम की पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के विधायक अमीनुल इस्लाम ने अलग ही दावा किया है। इतिहास से अलग एक नया दावा करते हुए अमीनुल इस्लाम ने कहा है कि औरंगजेब ने 400 मंदिरों के लिए जमीन दान की थी। इनमें से ही एक मंदिर गुवाहाटी का प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर भी है। मंगलवार को एएनआई से बात करते हुए अमीनुल इस्लाम ने कहा, 'मैं वही कह रहा हूं, जो देश ने मुगल शासन के दौर में देखा था। एक इतिहासकार ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि औरंगजेब ने 400 से ज्यादा मंदिरों के लिए जमीन दान की थी।'
अमीनुल इस्लाम ने कहा कि अन्य मुगल शासकों ने भी मंदिरों और पुजारियों के लिए जमीन दान की थी। इनमें से ही एक कामाख्या मंदिर भी है। AIUDF के विधायक अमीनुल इस्लाम ने कहा कि देश में सेक्युलरिज्म की भावना हजारों साल से मौजूद है। इसकी शुरुआत 1947 के बाद से ही नहीं हुई है। उन्होंने कहा, 'असम के सीएम ने कहा था कि भारत 1947 के बाद से ही सेक्युलर रहा है। इसके जवाब में मैंने कहा है कि भारत में जिसने भी शासन किया है, उसने सेकुलरिज्म का पालन किया है। हिंदू शासकों के दौर में मुस्लिम वर्ग के लोग अपनी आस्था के लिए आजाद थे और ऐसी ही स्थिति मुस्लिम शासकों के दौर में भी थी।'
अमीनुल इस्लाम ने कहा कि भारत हजारों से सेक्युलर ही रहा है। उन्होंने कहा कि अमीनुल इस्लाम की पुस्तक 'पवित्र असम' के मुताबिक औरंगजेब के दरबार के एक अधिकारी ने जमीनों के दान का आदेश दिया था। अपने दावों को लेकर ऐतराज पर उन्होंने कहा कि सीएम को मुझे धमकाने की बजाय असम साहित्य सभा को धमकी देनी चाहिए, जिसने यह पुस्तक छापी है। उन्होंने कहा कि हजारों शासकों के दौर में सेक्युलरिज्म रहा है, भले ही उनका मजहब कुछ भी रहा हो। इसलिए असम के सीएम का यह कहना कि आजादी के बाद ही देश में सेक्युलरिज्म आया है और मुस्लिम देश में 300 साल पहले ही आए हैं, पूरी तरह से गलत है।
सीएम हिमंता ने दी चेतावनी
एआईयूडीएफ विधायक की विवादित टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि उनकी सरकार के तहत इस तरह के बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।सीएम ने कहा कि इसी तरह के बयान के चलते विधायक शर्मन अली अब जेल में हैं। अगर अमीनुल भी दोबारा इस तरह के बयान देता है तो उसे भी जेल जाना पड़ेगा। मेरी सरकार में हमारी सभ्यता और संस्कृति के खिलाफ बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर वह बाहर रहना चाहता है, तो वह अर्थशास्त्र की बात कर सकता है और हमारी आलोचना भी कर सकता है। कामाख्या, शंकरदेव, बुद्ध, महावीर जैन और यहां तक कि पैगंबर मोहम्मद को भी किसी को घसीटना नहीं चाहिए।
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